Hindi Hot Sex Stories

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 लॉक डाउन में माँ और बेटे का नाजायज रिश्ता

लॉक डाउन में माँ और बेटे का नाजायज रिश्ता

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मेरा नाम ज्योति है मैं ४० साल की हूँ। मैं हॉट हु खूबसूरत हूँ पर पति के मौत के बाद मेरी चूत बंजर जमीं सी हो गई है। चुदाई को दस साल हो गए थे पर धन्यवाद करती हु कोरोना बीमारी का क्यों की आजकल खूब चुद रही हूँ वो भर घर में ही अपने बेटे से ही। आज मैं आपको अपनी ये सेक्स कहानी आपलोगों को भी शेयर कर रही हूँ नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर क्यों की मैं भी यहाँ रोजाना नई नई सेक्स कहानियां पढ़ती हूँ।

मेरे बेटे का नाम राज है पिता के मौत के बाद उसका सहारा मैं ही थी। और सदमे में भी आ गया था इसलिए मैंने उसकी शादी कर दी एक खूबसूरत लड़की से ताकि तो चुदाई में मस्त रहे और अपना दिमाग काबू में रखे यही सोच कर मैं जल्दी ही शादी कर दी। पर वो इतना दीवाना हो जाएगा चूत का ये बात मुझे समझ नहीं आया और अब तो उससे बीमारी ही गई है जैसे किसी शराबी को शराब रोज चाहिए वैसे ही राज को चूत रोज चाहिए। एक दिन भी वो चूत के बिना नहीं रह सकता है। जब उससे चूत नहीं मिले चोदने को तो वो बाथरूम में बंद हो जाता है और अपना सर दीवाल में मारता है।

यही हाल हुआ जब रूबी (राज की पत्नी) मायके चली गई लखनऊ और फंस गई लॉक डाउन में मेरा बेटा दो दिन तक किसी तरह से रह गया पर वो तीसरे दिन से ही हंगामा करने लगा कहने लगा रूबी को लाओ नहीं तो मर जाऊंगा। मुझे डर लगने लगा कही वो कुछ कर ना बैठे इसलिए मैं काफी डर गई। उसको समझाई की बेटा अभी लॉक डाउन है जा नहीं सकते ना आ सकते मैं क्या कर सकती हूँ तुम वीडियो कॉल कर लो तुम उसको नंगा देख लो तुम फ़ोन सेक्स कर लो। पर वो नहीं माना कहने लगा मुझे चूत चाहिए नहीं तो मैं मर जाऊंगा मैं डर गई।

मुझे लगा की अपने बेटे को बचाना है इसलिए मैं खुद ही उसको बोली, अगर ऐसी बात है तो तुम मुझे ही चोद लोग मैं तुम्हे अपना चूत दूंगी रूबी से भी ज्यादा मजा दूंगी मैं तुम्हे अलग अलग तरह के पोज भी सिखाऊंगी तुम चाहे तो जब तक रूबी नहीं है तुम मेरे साथ सेक्स कर सकते हो।

वो मान गया मैं दरवाजे खिड़कियां बंद की और बेड पर आ गई वो मुझे निहार रहा था मैं इशारा की आने को वो करीब आ गया मैं उसको पकड़ को होठ चूसने लगी माँ की ममता नहीं अब अब एक सेक्सी औरत बन गई जिसको दस साल से लंड के दर्शन नहीं हुए थे। वो भी मुझे किस करने लगा हम दोनों ने एक दूसरे के लिप लॉक करने शुरू कर दिए।

होठ चूसते चूसते मैं लेट गई और वो मेरे ऊपर चढ़ गया। मैं नाईटी पहनी थी वो उसको ऊपर कर दिया निचे ब्रा और पेंटी में थी वो मेरी पेंटी में हाथ घुसा दिया और ब्रा के ऊपर से ही किस करने लगा मेरी चूचियों पर। मैं तुरंत भी नाईटी उतार दी और ब्रा को हुक खोल कर ब्रा साइड रख दी। अब मैं उसको अपना दूध पिलाने लगी पहले तो दूध निकलता था जब वो पीता था पर अब दूध नहीं बल्कि मेरी चूत से गरम गरम पानी जरूर निकलने लगा था।

वो मेरी चूचियों को दबाने लगा मेरे होठ चूसने लगे। मेरे गाल को दांत से काटने लगा मैं चुदाई की जाल में फंस गई थी मेरी चूत गीली हो गई थी। वो वो मेरी पेंटी उतार दिया था उसी दिन मैं अपना झांट साफ़ की थी तो चूत क्लीन था। एक अठारह साल की लड़की की तरह टाइट और साफ़। राज जैसे ही मेरी चूत को देखा बोला आह आह आह क्या चूत है रूबी का भी ऐसा नहीं है उसका तो फैला हो गया है लौंडा तुरंत ही अंदर चला जाता है पर आपकी चूत तो टाइट है।

मैं बोली हां बेटा दस साल तक किसी चीज का उसे नहीं करो तो ऐसा ही हो जाता है मजे लो अपने माँ की चुदाई का वो अब मेरी छूट चाटने लगा और मैं सिसकारियां लेने लगी। वो खूब मजे देने लगा मेरे अंग अंग तार तार होने लगे अंगड़ाइयां लेने लगी मेरे मुँह से आह आह की आवाज निकल रही थी अब मैं जल्दी से जल्दी अपने जवान बेटा का लौड़ा अपने चूत में चाहती थी।

मैं जोश में आ गई और उसको निचे कर दी और खुद उसपर चढ़ गई पहले तो अपनी बड़ी बड़ी गोल गोल टाइट चूचियां उसके मुँह पर रगड़ने लगी और अपनी छूट उसके लंड पर रगड़ने लगी। मैं अपना दांत पीसने लगी उसके पसीने छूटने लगे। अब एक चुड़क्कड़ खिलाडी उसके ऊपर सवार थी। मैं गाली देते हुए बोली ले मादरचोद चोद मुझे आज देखती हूँ तेरा पागलपन आज तुम खुश नहीं किया तो अपनी चूचियां तेरे गांड में डाल दूंगी।

राज जोश में आ गया और मेरे होठ को चूचियों को चूसने लगा। अब मैं उसके लंड पकड़ ली और अपने टाइट चूत में ले ली और बैठ गई उसपर, उसका लौड़ा धीरे धीरे मेरी चूत में समा गया अब मैं वाइल्ड हो गई दांत पिसती हुई मैं चुदवाने लगी वो निचे था मैं ऊपर जोर जोर से धक्के गांड गोल गोल घुमा कर देने लगी, बेड चु चु कर रहा था और हरेक धक्के पर धपाक सी आवाज आ रही थी।

फिर मैं निचे हो गई वो ऊपर आ गया अब वो मेरी टांग उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और अपना लौड़ा मेरी चूत पर सेट कर के जोर जोर से पेलने लगा। राज आह आह कर रहा था और जोर जोर से धक्के दे रहा था कह रहा था अब मैं रूबी को और आपको दोनों को एक साथ चोदुंगा मैं बोली ठीक है चोद लेना पर अभी मुझे खुश कर।

वो जोर जोर से चोदने लगा। मेरी चौड़ी गांड हरेक झटके पर हिल रही थी मेरी चूचियां हिल रही थी और मेरे पुरे बदन में करेंट दौड़ रहा था। मैं उसको पकड़ ली और जोर जोर से अपनी तरह खींचने लगी। वो भी जोर जोर से देने लगा।

दोस्तों इतना मजा तो पति भी नहीं देते थे वो जोर से झटके नहीं देते थे वो बस ऊपर चढ़कर तैरते थे बस, पर बेटे का झटका तो मजा ही आ गया। अब मैं घोड़ी बन गई और वो पीछे से चोदने लगा. अब वो और भी ज्यादा कामुक हो गया था। मैं भी यही चाहती थी। वो जोर जोर से देने लगा और मैं भी पीछे धक्के देने लगी।

अचानक वो आह आह आह आह आह आह नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं करते हुए अपना सारा माल मेरी चूत में डाल दिया और शांत हो गया। पर मैं अभी शांत नहीं हो पाई थी मेरा पूरा शरीर गरम हो गया था दांत पीस रही थी मेरी चूचियां गोल गोल हो गई थी निप्पल टाइट हो गए थे। चूत गीली हो गई थी क्रीम निकल रही थी। पर मेरी संतुष्टि नहीं हुई थी।

पर मैं कुछ नहीं बोली क्यों की पहला दिन था इसलिए मन मसोस कर रह गई। हम दोनों भी लगे रात में एक साथ सो गए वो रात भर कभी गांड में ऊँगली करता तो कभी चूत में, कभी चूचियां पीता तो कभी होठ चूसता यही करते रहा पूरी रात। एक दो बार मैं भी उठकर उसके लौड़े को मुँह में लेकर चूसी पर मुझे तो कस के चाहिए थे इसलिए ज्यादा कुछ नहीं की।

दूसरे दिन उठकर खाना खाकर मार्किट गई क्यों की मेडिकल स्टोर खुला हुआ था वह से सेक्स पावर की टेबलेट लाई और अपने बेटे को खिला दी और बोल दी आज से दो टाइम दूध के साथ खाना। दो टेबलेट खाते ही वो दूसरी रात को मुझे इतना चोदा की मैं खुद पसीने पसीन हो गई और संतुष्ट भी ही।

लॉक डाउन में तो मेरी ज़िंदगी ही बदल गई अब मैं रोज रोज चुदती हूँ। अभी तो टाइम है लॉक डाउन का रूबी आने तक तो खूब चुदुँगी पर उसके आने पर हो सकता है थोड़ा कम हो जाये पर अब तो ज़िंदगी भर होगी चुदाई।

आप रोजाना इस वेबसाइट पर आएं क्यों की यहाँ पर हॉट और सेक्सी सेक्स कहानी होती है जो आपको कामुक कर देगी। आप खुद ही देखिये इतनी हॉट कहानियां किसी और पर नहीं।

 किरन अपने गुरु जी से फस गयी और चुद गयी

किरन अपने गुरु जी से फस गयी और चुद गयी

हेलो दोस्तों , मैं किरन आपको अपनी सेक्सी कहानी सुना रही हूँ मैं हरियाणा की रहने वाली हूँ मैं काफी सेक्सी और मस्त मौला लड़की हूँ मेरा बदन कमाल का है मेरे मम्मे ३६ साइज़ के है मेरे मम्मे खूब बड़े बड़े है मेरे बाल भी बहुत काले लम्बे और घने है जब मैं रोड से निकलती हूँ तो लडके मुझे देखकर सीटी मारते है मेरी कॉलोनी में हर जवान लड़का मुझको चोदना चाहता है तो मैं आपको अपनी कहानी सुनाती हूँ

मैंने बी कॉम फर्स्ट इयर में एड्मीसन ले लिया था मेरे सारे टीचर्स बहुत बढ़िया थे मैंने फर्स्ट इयर बड़ी लगन से पढ़ा मैंने कभी क्लास भी बंक नही की पर फिर भी दोस्तों मेरी फर्स्ट क्लास नही आई मैं बड़ी जोर जोर से रोने लगी मनोज सर ने मुझको देखा तो बोले मेरे केबिन में चलो मैं उसके केबिन में चली गयी मनोज सर बहुत अच्छे थे वो सभी बच्चों को बड़ी मेहनत से पढ़ाते थे कालेज में हर कोई उनकी बड़ी तारीफ करते था देखो किरन! अभी तुम्हारे पास सेकंड इयर और थर्ड इयर दो साल है एक कम करो तुम हर शाम को ७ बजे मेरे घर आ जाया करो मैं तुमको इतनी मेहनत से पढ़ाऊँगा की तुम्हारी फर्स्ट डिवीज़न क्लियर हो जाएगी वो बोले और मेरे सर पर प्यार से हाथ फेर दिया सर मैं आज से ही आपके घर आना सुरु कर देती हूँ आप कितनी फ़ीस लेंगे मैंने पूछा अरे किरन, पहले तुम आओ तो सही मनोज सर बोले दोस्तों, मैंने सुना था की जो जो लडकी उनसे ट्यूशन पढ़ती थी सब टॉप करती थी इसलिए मैं भी बहुत खुस हो गयी थी

दोस्तों , मैंने उसी शाम से मनोज सर से ट्यूशन पढना सुरु कर दिया वो मुझको बड़ी महनत से पढ़ाने लगे कोई फ़ीस की बात भी नही की एक दिन मुझको पेशाब लगी सर टॉयलेट जाना है बाथरूम किधर है?? मैंने पूछा उधर आगे से बायीं तरफ मनोज सर बोले मैं अंदर बाथरूम में आ गये मैंने अपनी सलवार खोली चड्ढी उतारी और छुल् छुल मूतने लगी जब मैं वापिस गयी तो पेशाब की २ ४ बुँदे मेरी सलवार में लगी थी सायद मनोज सर ने वो भीगी जगह देख ली थी थोडा मुस्कुरा दिए मैं भी थोडा हस दी हम दोनों गुरु चेली फिर से पढने लगे दोस्तों जब पढ़ते पढ़ते बोर हो गए तो गुरु जी का चाय पीने का मन हुआ किरन! अगर तुम्हारे हाथों की गर्म गर्म चाय मिल जाए तो मजा आ जाए तुम मुझको हर रोज एक प्याला चाय पिला दिया करो समझ लो यही मेरी फ़ीस होगी

जैसा आप कहे सर मैंने कहा मैं उनके किचेन में गयी और चाय बनाने लगी मैं अपने और उनके लिए चाय बना लायी हम फिर से पढने लगे एक महीना गुजर गया उन्होंने कोई पैसा नही लिया बस मैं हर रोज उनके लिए चाय बना देती थी एक दिन बड़ी गर्मी पड़ रही थी पढाई करने का मेरा जरा भी मन नही था सर का भी मन नही था किरन तुम साथ चलो तो आज कोई फिल्म देख ली जाए कितने दिन हो गए कोई पिक्चर नही देखी है मैं मान गयी सर और मैं उनकी कार में पिक्चर देखने गये सर ने बालकनी की टिकट ली ये कोई हॉरर पिक्चर थी डर के मारे मैंने मनोज सर का हाथ पकड़ लिया फिर एक सीन में बड़ा डेंजर भूत था मैं सर के सीने से चिपक गयी दोस्तों इस तरह हम आये दिन पिक्चर , मॉल , मेले , नुमाईस जाने लगे धीरे धीरे मुझको भी अच्छा लगने लगा

एक दिन एक मॉल में मैं मनोज सर के साथ घूम रही थी उन्होंने मेरा हाथ चूम लिया मुझको बुरा नही लगा मुझको अच्छा लगा फिर इसी तरह कभी वो मेरा हाथ चूम लेते कभी मैं उनका हाथ चूम लेती धीरे धीरे मुझको उसने प्यार हो गया एक दिन जब शाम को मैं पढने गयी तो उन्होंने मुझको पकड़ लिया किरन ! मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ अब मैं तुम्हारे बिना नही रह सकता सर बोले सर मैं भी आपसे प्यार करने लगी हूँ मैंने भी कहा हम दोनों एक दुसरे के करीब आ गए सर ने मुझको गले से लगा लिया मैंने भी उनको गले लगा लिया हम दोनों उनके बेडरूम में चले गये सर ने मुझको बिस्तर पर लिटा दिया खुद भी मेरे पास आ गये अब हम दोनों एक दुसरे से पूरी तरह लिपटे थे वो मेरे रसीले मधुर होंठ पीने लगे मैंने भी उसके होंठ पीने लगी मेरी सांसों की सुगंध उनके बदन में समा गयी धीरे से सर ने अपनी डेनिम जींस की बेल्ट खोल दी उसका लंड बाहर निकल आया पता नही दोस्तों मैं कब उनके लंड से खेलने लगी जब मुझको होश आया तब मैं मनोज सर के लंड को चूस रही थी मैं रंडियों की तरह बर्ताव कर रही थी मैं पढ़ते पढ़ते ३० साल की हो गयी थी मगर कभी लंड के दर्शन नही किये थे आज मैं पहली बार किसी मर्द का जवान बड़ा सा मोम्बत्ते जैसा लंड हाथ में ली हुई थी आज मेरे हाथ में एक अजूबा लग गया था सायद अंदर ही अंदर मैं लंड की प्यासी थी मेरी अन्तर्वासना आज भड़क गयी थी सायद लोक लाज के डर से मैंने आज तक किसी लडके से नही कहा की मुझको एक बार चोद दो

जब मुझको होश आया तो मैंने सर का लंड चूसने में मस्त थी मैं जल्दी जल्दी अपने हाथों से उनके लंड पकड़ कर लंड उपर नीचे रगड़ रही थी खूब फेट रही थी फिर मुह में लेकर चूस रही थी उधर सर ने मेरी सलवार खोल दी थी मेरी PANTY के अंदर हाथ डाल के चला रहे थे धीरे धीरे हम दोनों ६९ की पोजीशन में आ गये हम दोनों अब नंगे हो गये थे मनोज सर मस्ती से मेरी बुर पी रहे थे और मैं उनका लंड पी रही थी सर को जब मेरी चूत जब कुछ सुखी लगी तो उन्होंने मेरी बुर में थोडा थूक दिया अब मेरी बुर गीली हो गयी और वो मजे से पीने लगे अब तो जैसे मैं भी जोश में आ गयी मैंने भी उनके लंड पर खूब सारा थूक दिया अब उनका लंड चिकना हो गया मैं मजे से रंडियों जैसे हुनर के साथ उनका लंड चूसने लगी

मनोज सर को बड़ी जोर की चुदास चढ़ गयी उन्होंने मुजको २ ४ थप्पड़ जड दिए चल छिनाल! मुह खोल वो बोले मेरे मुह में उन्होंने अपना लंड पेल दिया मै साँस नही ले पा रही थी सर मेरे मुह चोदने लगे हप्प हप्प करके वो मेरे छोटे से मुह को बुर का छेद समझ के चोदने लगे मेरी चूत तो बिलकुल गीली हो गयी दोस्तों मेरी चूत बहने लगी फिर सर ने अपना बड़ा सा लंड निकाला और मेरे मुह पर थपकी देने लगे अपने हट्टे कट्टे लंड से थपकी देने लगे मैं तो निहाल हो गयी मनोज मेरे मुह को अपने लंड से खूब जोर जोर से मारने लगे

फिर उन्होंने मेरे मम्मो को भी अपने लंड से खूब थपकी दी फिर से एक बार मेरे मुह को बुर समझ के वो चोदने लगे मुझको इतना अच्छा लगा की मेरी बुर बिलकुल गीली गीली हो गयी दोस्तों सर ने २ ४ तमाचे मुझको और जड़ दिये अब उन्होंने मेरी चूत पर फोकस किया मेरी बुर खूब बड़ी सी फूली हुई थी मैंने कुछ दिन पहले ही झांटे बनायीं थी सर ने अब मुझको पूरी तरह नंगा कर दिया था मेरी पुसी बिलकुल हीरो हौंडा जैसी खुब्सूरत और शानदार थी सर मेरी बुर को गहरी नजर ने देखने लगे जैसे उसको खा जाएँगे एक सेकंड को तो मैं दर गयी मैंने डर से आँखे बंद कर ली सर मेरी पुसी को छूने लगे मेरी पुसी मेरे गरम जिस्म का सबसे सन्वेदनशील हिस्सा थी आज तक मैंने किसी लडके को अपनी पुसी तक नही पहुचने दिया था इसलिए मनोज सर ही वो किस्मतवाले मर्द थे जो मेरे सबसे सन्वेदनशील अंग तक पहुचे थे मेरा दिल जोर से धक् धक् करने लगा पता नही सर मेरी पुसी के साथ कैसा व्यवहार करे सर ने एक बार मेरी शानदार बड़ी सी चूत को पप्पी ले ली वो मस्त हो गये मेरी बुर की फाकों और दरारों को अपनी उँगलियों से छूकर देखने लगे ,मेरी बुर काली चमकदार थी और बड़ी शानदार थी मनोज सर तो जैसे मेरी चूत से बातें ही करने लगे उन्होंने २ ४ बार मेरी चूत को पप्पी दे दी इस चूत के लिए कितना झगडा लड़ाई होता है कितने क़त्ल हो जाते है इसलिए मैं बार बार कह रही थी की सर बहुत किस्मत वाले थे जब सर ने काफी देर थक मेरी बुर के दीदार कर लिए तो अब वो उसको बड़े प्यार से चाटने लगे मैं सिसकियाँ लेने लगी

सर ने मेरी बुर को खोल के देखा मैं कुंवारी थी सर की खुसी दोगुनी हो गयी मैं सर की नजरों में उनकी ललचाई नजरे देखी थी इतनी शानदार उपर उठी हुई बड़ी सी चूत सर ने आज पहली बार देखी थी जब उन्होंने मेरी चूत से खूब प्यार मुहब्बत कर ली तो अब वो मुझको चोदने लगे लडकियों के इस छेद के लिए सारी दुनिया मरती है सर भी मरे जा रहे थे सर ने अपना पहलवान लंड मेरी बुर के दरवाजे पर रखा मेरी दिल धक् धक् करने लगा डर से मैंने आँखे बंद कर ली सर ने सुरुवाती धक्का मारा पर लंड फिसल के उपर भाग गया मैंने आँखे बंद की कर रखी थी क्यूंकि आजतक मैंने किसी से नही चुदवाया था सर ने एक बार और कोसिस की इस बार भी लंड दाए बाए फिसल गया सर ने अबकी बार जादा फोकस किया उसने मेरे भोसड़े पर ढेर सारा थूक दिया अब मेरी बुर गीली हो गयी सर ने अबकी बार पुरे फोकस से धक्का मारा लंड किसी बर्फ तोड़ने वाली मशीन की तरह मेरी बुर में अंदर घुस गया मेरी तो दोस्तों गांड ही फट गयी लगा की किसी ने मुझको चाक़ू मार दिया हो मुजको बहुत दर्द हुआ सर ने निचे देखा मेरी बुर से खून बह रहा था मैं तड़प रही थी सर ने एक धक्का और मारा लंड सीधा मेरी CHUT में गच ने उतर गया मैंने सर को हटाने लगी किरन बेबी! बस थोडा बर्दास्त करो अभी तुम भी मजा पाओगी सर बोले मेरे तो पसीना छुट गया मेरे सर में भी जोर का दर्द होने लगा था बुर में तो पहले ही था मनोज सर अब मुजको बड़े प्यार से धीरे धीरे चोदने लगे वो भी चाहते थे की मुजको कम से कम दर्द दो मैंने किसी तरह बर्दास्त किया सर मुजको होले होले चोदने लगे कुछ देर बाद दर्द कम हो गया और मुजको मजा मिलने लगा सर ने लंड निकाल लिया और मेरी बुर पीने लगे अब सब कुछ नार्मल हो गया था जब दोबारा उन्होंने मेरे अंदर अपना लंड डाला तो मुझको दर्द नही हुआ अब मुझे मजा आने लगा था अब मनोज सर मुजको जल्दी जल्दी पेलने लगे तो मेरी कमर भी उपर उठने लगी मैंने अपनी टाँगे और फैला ली जिससे सर मेरे अंदर पूरा अंदर तक गुस सके मैं कामयाब रही सर अब जोर जोर से गहरे फटके मरने लगे

अब तो जैसे मैं चरम सुख में डूब गयी पर ये तो अभी सुरवात थी जब १ घंटा गुजर गया तो मैंने ही खुद चिल्लाने लगी सर चोद लीजिये आज मुजको आप मुझको कितनी मेहनत से पढ़ाते है मुझसे कोई फ़ीस भी नहीं लेते है इसलिए सर मुझपर आपका पूरा हक बनता है आज चोद लीजिये जी भरके मुझको मैंने जोर जोर से गरम सिस्कारियां भरके कहने लगी मनोज सर मुझको धिन्चक धिन्चक राजी खुसी से पेलने लगे मैंने अपनी दोनों टाँगे उनकी पीठ में लपेट दी उनका जोश दोगुना बढ़ गया हच हच वो मुजको चोदने लगे उस दिन दोस्तों मैं खूब चूदी अपने प्यारे मनोज सर से उसके बाद तो जैसे चुदवाने की मुझको लत ही लग गयी थी मुझको अब मैं शाम ५ बजे ही आ जाती थी और पहले २ ४ राउंड चुदाई हो जाती थी फिर मैं पढ़ती थी

 बेशर्म माँ की चुदाई – बाप टूर पे गया बेटा बेशर्म माँ को चोदा

बेशर्म माँ की चुदाई – बाप टूर पे गया बेटा बेशर्म माँ को चोदा

हेलो दोस्तों टीवी देखते देखते मेरी नजर पड़ी मेरी माँ पर जो बाथरूम में कपडे धो रही थी, ऊपर वो सफ़ेद टी शर्ट पहनी हुई थी, टी शर्ट पानी से भीग गया था, वो अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और उनके चूचियों में चिपका हुआ था, उनके निप्पल और चूचियों की गोलाई बिलकुल साफ़ साफ़ दिख रही थी, यहाँ तक की टी शर्ट पेट में भी पानी की वजह से सत्ता हुआ था जिससे उनका पेट और नाभि भी साफ़ साफ़ दिख रही थी, बस क्या था मैं टीवी कम और माँ को निहारने लगा था,

कभी कभी जब वो थोड़ा झुकती तो ऊपर से आधी चूचियाँ दिख रही थी, क्या बताऊँ दोस्तों यही शुरुआत थी, मेरा लैंड खड़ा होने लगा, और इधर टीवी पर फैशन टीवी लगा लिया जिसमे ब्रा और पेंटी में मॉडल आ जा रही थी पर मुझे अपनी माँ का बदन जो दिख रहा था वो किसी भी मॉडल का नहीं था यार.

ओह्ह्ह सॉरी मैं तो अपने बारे में भी बताना भूल गया, मेरी उम्र 21 साल है मैं पढाई करता हु, मैं अपने माँ बाप का एकलौता संतान हु, पापा अक्सर टूर पे रहते है घर में मैं और मेरी माँ ही रहती है. मेरी माँ 38 साल की है. उनकी शादी जल्दी हो गई थी. मैं ही पहला संतान था और फिर नहीं हुआ, इस वजह से मम्मी कभी से भी ३८ साल की नहीं लगती है. वो 26 साल की औरत की तरह लगती है. पापा इस मामले में थोड़ा ज्यादा ही बूढ़ा है,

कई तो पापा के दोस्त को मैंने कहते सुना है की गुप्ता जी क्या बात है भाभी जी तो दिन प्रतिदिन जवान हो रही है और आप दिन प्रतिदिन बूढ़ा क्या बात है? अरे अपने शारीर को मेंटेन कर के रखो. उस समय माँ मुस्कुरा देती थी और पापा जी को गुस्सा आ जाता था. माँ जबरदस्त माल है. टाइट चूचियाँ बड़ी बड़ी गोल गोल. गांड का उभार गजब का, सॉलिड शारीर लम्बे लम्बे बाल, गोरा शारीर, होठ तो ऐसे लगता है की चबा जाऊं.

वही टीवी देखते देखते मुझे लजा की क्यों ना मैं थोड़ा नज़दीक जाकर देखू. और फिर उनके पास जाकर खड़ा हो गया अब तो सब कुछ और भी साफ़ साफ़ दिख रहा था. तभी मम्मी बोली मेरे राजा भूख लगी है क्या बस दस मिनट और दे दे, कपडा अभी हो जायेगा. मैंने कहा नहीं नहीं आप अपना काम कर लो.

मुझे भूख नहीं लगी है. मैंने कहा मम्मी आज आपसे कुछ बात करनी है. आपको तो पता है, आप ही मेरे दोस्त हो. और आप कहते भी हो को जो भी बात हो आप मेरे साथ शेयर करना, चाहे जैसी भी बात हो. तुम छुपाना नहीं. माँ उठ खड़ी हुई, तो उनकी चूचियाँ और तनी हुई और टी शर्ट से चिपकी थी, मेरा ध्यान उनके बूब्स पे ही था, माँ को ये बात पता चल गया की मैं बार बार देख रहा हु, उन्होंने अपने टी शर्ट को निचे खींचा और ठीक किया, अब चिपका तो नहीं था पर निप्पल ऊपर से साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था.

वो मेरे साथ बाहर आई और सोफे पे बैठ गई. मैं भी बगल में बैठ गया, उन्होंने कहा पूछ क्या पूछना चाहता है. मैंने कहा मम्मी क्या हरेक लड़के को गर्ल फ्रेंड होना जरूरी होता है, तो उन्होंने कहा हां हां क्यों नहीं जवान होने के बाद के और भी तो चीज चाहिए इंसान को. ये तो ऊपर बाला ने ही बनाया है इसमें शर्म किस बात की. उन्होंने कहा क्या तुम्हारा कोई गर्ल फ्रेंड है, मैंने कहा नहीं, कोई नहीं है. माँ ने मुझे गले लगा लिया और कहा तू जवान हो गया है, माँ के बूब पे पास मेरा मुंह था दोनों चूचियों के बिच में मेरा मुंह मेरा होठ उनके निप्पल के पास था, उनका टी शर्ट फिर से चिपक गया था, मैंने उनके निप्पल को ऊँगली से छूने लगा, माँ बोली तू बहुत बदमाश हो गया है, और मैंने फिर अपना होठ उनके निप्पल पे लगा दिया, वो मुझे और भी चिपका ली,

मैं उनके निप्पल को दोनों होठो के बिच दबा दिया, उनके मुंह से आवाज आई उफ्फ्फ उफ्फ्फ, क्या कर रहा है मेरा बच्चा, मैं चुप रहा और फिर दूसरे बूब को अपने हाथ से सहलाने लगा. माँ मुझे अपने गोद में लिटा ली और बोली बहार का दरवाजा बंद तो है ना, मैंने कहा हां, और वो फिर अपने टी शर्ट को ऊपर कर दी और अपनी चूचियाँ मेरे मुंह में डाल दी, मेरा लंड खड़ा हो गया था, मैं अंडरवियर नहीं पहना था तो पजामे से साफ़ साफ़ दिखने लगा, माँ मेरे बालों को सहलाने लगी और इस इस उफ़ उफ़ उफ़ करने लगी. और फिर वो मेरे छाती को सहलाते हुए मेरे लंड तक पहुंच गई. मैं उनके चूचियों को पिने लगा और फिर मेरा लंड पकड़ ली. बोली अरे कितना बड़ा हो गया है.

मैंने चुपचाप चपर चपर कर के उनके निप्पल को चूस रहा था और वो अंगड़ाई लेने लगी और फिर उन्होंने टी शर्ट को उतार दिया, माँ के पसीने की खुशबू आने लग मैंने और भी मदहोश हो गया. और फिर उनके नाभि में अपना जीभ फेरने लगा माँ उठने को बोली और मैं उठ गया माँ वही लेट गई. और मैं उनके होठ को किश किया तो वो मुझे अपने तरफ खींच ली और मेरे होठ को जोर जोर से चूसने लगी, मैं उनके ऊपर बैठ गया वो सिर्फ सलवार में थी, वो निचे से हौले हौले धक्का देने लगी, मैंने उनके होठ को गाल को कान को गर्दन को चूमने लगा, तभी वो अपना नाडा खोल दी, वो पेंटी नहीं पहनी थी मैंने अपना हाथ अंदर घुस दिया और चूत को सहलाने लगा. वो अपने पैर के बिच में मेरे हाथ को दबाने लगी अचानक लगा की उनके चूत से पानी निकने आगा और वो मुझे वाइल्ड किश करने लगी. मैं थोड़ा निचे हो गया और सलवार निकाल दिया.

माँ मेरे सामने ही सोफे पे नंगी लेती थी. मैंने दोनों पैर को अलग कर के चूत को झाँकने लगा, तभी माँ बोली देख क्या रहा है, चाट मेरे चूत को, आज मैं तुम्हे ट्रेनिंग दूंगी ताकि तुम अपने गर्ल फ्रेंड को अच्छी तरह से कैसे चोदोगे. मैं उनके चूत को चाटने लगा और वो मेरे बाल को पकड़ कर अपने चूत में रगड़ने लगी, वो नमकीन पानी मेरे मुंह में आने लगा, मेरी माँ गांड उठा उठा के अपने चूत को मेर मुंह पे रगड़ने लगी. और फिर मैंने दोनों पैर को उठा दिया और अपना लंड निकाल लिया,

पर माँ उठ कर बैठ गई और मेरे लंड को अपने मुंह में लेके चाटने लगी. बोली कितना मोटा और बड़ा है. तुम्हारे पापा का तो बहुत छोटा हो गया है और अब इतना कड़ा भी नहीं है. और वो आह आह आह करके चाटने लगी. मैंने भी कभी कभी धक्के देता तो लंड उनके मुंह में समा जाता और फिर उनको सांस लेने में दिक्कत होने लगती. फिर माँ लेट गई और मुझे अपने ऊपर बुला लिया और अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपने चूत से सेट की और मैंने एक धक्का लगा दिया, माँ के मुंह से आवाज आई आह ………… उफ़……….. औच…………… और गांड को ऊपर निचे करने लगी. मैं नया नया था, तो ज्यादा पता नहीं था.

माँ बोली खूब जोर जोर से अंदर घुसाओ, मैंने वही किया, जोर जोर से धक्का देने लगा, हरेक धक्के से उनकी चूचियाँ ऊपर से नीच हो जाती, और उनके मुंह से आह आह आह की आवाज निकलती. करीब दस मिनट तक धक्का लगाया, माँ जोर जोर से धक्के देने लगी. तभी मेरे लंड से जोर से फिचकारी की तरह निकला जो मेरे माँ को चूत में चला गया और फिर माँ जोर से एक लम्बी सांस ली और फिर शांत हो गई.

मैंने भी निढाल होकर उनके ऊपर लेट गया, और करीब आधे घंटे तक सोया रहा, फिर हम दोनों उठे और साथ साथ नंगे नहाए, माँ मेरे लंड में साबुन लगा रही थी और मैं उनके चूत और बूब्स में. फिर दोनों कहना खाया और फिर अब बैडरूम में चले गए सोने के लिए, माँ बोली कपडे खोल लो और माँ भी अपने सारे कपडे उतार ली, और हम दोनों फिर से चुदाई किये और फिर सो गए दोनों वैसे ही.

दोस्तों उसके बाद तो हम दोनों को जब भी मन करता है सेक्स करते है. पापा जब टूर पर होते है मैं माँ के साथ ही सोता हु, और जब पापा यहाँ होते है तब माँ आधी रात को उठकर आती है मेरे बेड पर और चुदवा के फिर वापस पापा के बेड पे चली जाती है. मैं जल्द ही अपनी दूसरी कहानी स्टोरी पे लेके आ रहा हु. आप तब तब विजिट करते रहे इस वेबसाइट को.

2 दोस्तो ने मिल कर करी मां की चुदाई

2 दोस्तो ने मिल कर करी मां की चुदाई

दोस्तों ये है मेरी और मेरी मम्मी की सच्ची कहानी. मम्मी का साइज़ बता देता हूँ. उम्र: 40 कमर: 36 गांड: 40.. मेरा और भूपी का एक समान दोस्त है दीपू. उसका घर दो मंजिल है. नीचे वाला कंप्लीट है जहाँ पर वो रहता है और उपर वाले का अभी काम चल रहा है. फर्निश नही हुआ है. पर छत डली हुई है. दीपू ने अपने जन्म दिन पर अपने निकट दोस्त बुलाए थे और हमे और भूपी दोनो को बुलाया था. तो मम्मी और हम जन्मदिन में चले गये. मम्मी कुर्ता और पजामा पहनी हुई थी और हम वहां पहुंचे.करीब 8 बजे पार्टी शुरू हुई और सब बातें करने लगे और फिर सब को ड्रिंक सर्व होने लगी सभी अपने अपने दोस्तों में बैठ कर मजे कर रहे थे. करीब 40 से 50 लोग समारोह में थे. में अपने एक दोस्त के साथ बैठ गया. मम्मी भूपी और एक मम्मी की दोस्त भी बैठ गयी और सब बातें करने लगे भूपी ड्रिंक कर रहा था और मम्मी उसकी बची हुई कोल्डड्रिंक ले रही थी. रात के करीब 9.45 हो गये थे.

अचानक लाइट बंद हो गयी पर इन्वर्टर की लाइट में समारोह चल रहा था. फिर थोड़ी देर बाद मम्मी वहाँ से चली गयी बोल कर की अभी आती हूँ और उसके 5 मिनिट बाद भूपी ने दीपू को बोला मुझको थोडा काम है 30–35 मिनिट में आ जाऊँगा. और फिर चला गया. मेरी समझ में आ गया की मम्मी ने चुदवाने का प्रोग्राम बना लिया है.

मेंने भूपी का पीछा किया भूपी सामने की इमारत से छत पर चला गया. और में दोबारा आकर समारोह में बैठ गया और फिर करीब 10 मिनिट बाद मैने दीपू को बोला आ रहा हूँ क़िसी का फोन आया है और फिर में अंधेरे में पीछे की इमारत जो की पास में ही थी वाहा से ऊपर चड़ गया. मुझको कुछ दिखाई नही दे रहा था पर धीमी धीमी आवाज़ सुनाई दे रही थी.

मम्मी: कोई ऊपर आ गया तो.भूपी: आंटी कोई नहीं आएगा सब समारोह में मस्त है और ऊपर का मकान तो अभी पूरा नहीं बना है. कोई यहाँ क्या करने आएगा रात के 10 बजे है.

मम्मी: फिर भी कोई आ गया तो क्या कहोगे.

भूपी: बोल देंगे ऊपर की छत देखने आए थे क्योंकि अचानक लाइट बंद हो गयी थी. मम्मी: चलो फिर थोडा जल्दी जल्दी कर लो अपना काम.

भूपी: आंटी वो तो करूँगा ही जैसे ही तुम पार्टी में आई थी. यह ड्रेस देख कर मेरा तो वैसे ही लंड खड़ा हो गया था और पजामा इतना टाइट पहने हुई थी की अंदर की पैनटी की शेप नज़र आ रही थी.

मम्मी: बहुत गहरी नज़र से देखते हो.

भूपी: क्या करे आंटी लंड थमता ही नहीं है.

मम्मी: यह होल इसको थामने के लिए ही तो है. फिर अंदर से छप छप की आवाज़ आनी शुरु हो गयी. ऐसा लग रहा था जैसे स्मूच कर रहे हो.

मम्मी: आआहहह्ह्ह

भूपी: हााआ उफफफफ्फ़ अचानक लाइट आ गयी और रोड़ लाइट की थोड़ी सी लाइट अंदर जा रही थी. पर सब कुछ साफ नज़र आ रहा था. मम्मी का कुर्ता पूरा ऊपर था और उनके दोनो बूब्स बाहर लटक रहे थे. एक बूब्स भूपी चूस रहा था. वो स्मूच की आवाज़ नहीं बूब्स चूसने की आवाज़ थी मम्मी का साइड पोज़ मुझको साफ नज़र आ रहा था. एक बूब्स मूह में और दूसरा चूस रहा था और मम्मी मस्त हो रही थी.

मम्मी: बहुत बड़े कर दिए तुमने चूस चूस कर यह तो कुछ टाइम बाद कुर्ता फाड़ देंगे. भूपी: फटने दो ना थोड़ा बड़ा बनवा दूँगा पर बूब्स मोटे मोटे ही चूसने का मज़ा आता है. भूपी ने अच्छी तरह मम्मी के दबा कर बूब्स चूसे और मम्मी मज़ा ले रही थी.

मम्मी: भूपी अपनी छेद करने की मशीन तो बाहर निकालो.

भूपी: रानी ले चूस अब इसको.

मम्मी: आह कितनी सक्त है तुम्हारी छेद करने की मशीन.

भूपी: ऐसे ही थोड़ी बड़ी बड़ी तुम जैसी मोटी चूत में होल करती है.

मम्मी: भूपी बड़ा सक्त है. लो अब मेरी चूत चाटो.

भूपी: आंटी तुम्हारा तो पजामा बहुत टाइट है.

मम्मी: कोई बात नहीं जितनी टांगे चौड़ी करो ऊतना खुल जाता है. फिर मम्मी ने एका एक पजामा नीचे किया और भूपी चाटने लगा.

भूपी: उफ़फ्फ़ उफफफफ्फ़ आंटी क्या मस्त ख़ान है हीरे की.

मम्मी: जाओ फिर अंदर जाकर हीरा निकाल लो जल्दी करो. फिर मम्मी दीवार के साथ लग के घोड़ी बन गयी और दोनो टांगे खोल के बोली. डालो अब अपना साँप इस चूत में. एका एका भूपी ने अपना लंड मम्मी की चूत में सरका दिया.

मम्मी: यूउपप्प्प आ आ अहहा. नीचे से तुछ उप की आवाज़ आ रही थी.

मम्मी: ह्म ह्म तेज़ करो ना ऊऊहह ऑ भूपी नीचे से मम्मी की ठुकाई कर रहा था और दूसरे हाथ से उसने क़िसी को फोन लगाया.

भूपी: क्या कर रहा है जल्दी ऊपर आजा पर लंड खड़ा करके आना और फिर उसने फोन स्पीकर को चालू कर के मम्मी को दिया मम्मी के मुहं से आवाज़ें निकाल रही थी. ऊऊहह ऑश ज़ोर से चोदो और जोर से तेज़ तेज़ चोदो करीब 2 मिनट बाद फिर भूपी ने कहा खड़ा हो गया है तो आजा यार.

और फिर करीब 1 मिनट बाद दीपू ऊपर आया. दीपू ने आते ही अपना लंड बाहर निकाला और मम्मी के मुंह में डाल कर आगे पीछे करने लगा. पीछे से भूपी मम्मी की चुदाई कर रहा था. दीपू जल्दी में था उसने मम्मी के मूह से लंड बाहर निकाल और फिर 1 मिनट मम्मी के बूब्स चूस कर बोला.

दीपू: भूपी चल अब मुझको करने दे में सिर्फ 5 मिनट के लिए बाथरूम का बहाना करके आया हूँ. फिर भूपी ने अपना लंड बाहर निकाला और दीपू को बोला तू शान्ति से काम कर ले. दीपू पीछे आया और मम्मी की चूत में अपना लंड डाल दिया और बोला आंटी आपका तो बुलंद दरवाज़ा तो भूपी ने पहले ही खोल दिया है.

मम्मी: तुम्हे इंतज़ार ना करना पड़े इस लिया खुलवा लिया था.

मम्मी: दीपू बड़ा पक्का निशानेबाज है सीधा निशाने पर वार किया.

दीपू: आंटी 7 साल हो गये चोदते हुए अब भी निशाना पक्का नही होगा तो कब होगा और तुम्हारे जंगल में तो ख़ास कर मैने बहुत शिकार किया हुआ है. इस लिए चप्पे चप्पे का पता है.

दीपू: आंटी तुम दीवार से हाथ हटा दो और जमीन पर रख दो ताकि तुम्हारी चूत ऊपर आ जाएगी. वरना इस पोज़ में तो मेरी सारी पेंट गीली हो जाएगी. एक तो मेरा भी वीर्य मेरे ऊपर गिरेगा और दूसरी तुम्हारी चूत तो ऐसे गीली हो गई है जैसे नदी में बाढ़ आ गई हो.

मम्मी: बाढ़ तो आ गई है. मेरी चूत को तो तुम्हारे दोनो के अलावा कोई चोदता ही नही.

दीपू: चलो आंटी जल्दी करो टेड़ी हो जाओ.

फिर मम्मी ने अपने दोनो हाथ जमीन पर रख दिये ओर दीपू ने मम्मी की चूत में अपना लंड डाल दिया और धक्के मारने लगा. भूपी मम्मी की गांड की साइड पर अपना लंड तेज़ कर रहा था.

दीपू: आंटी होने वाला है और तुम्हारा?

मम्मी: तुम अपना काम कर लो अभी मुझे दूसरे को भी निपटना है. भूपी की हालत इतनी खराब है की अगर उसका लंड ठंडा नहीं किया तो वो पार्टी में सब के सामने चोदेगा.

भूपी: आंटी ठीक बोल रही है. तू अपना माल निकाल और चला जा नहीं तो अगर कोई तुमको ढूँढने ऊपर आ गया तो फिर ग़लत हो जाएगा.

दीपू: क्या आंटी अंदर ही वीर्य डाल दूँ.

मम्मी: जोश में होश मत खोना बाहर निकाल कर जमीन पर ही गिरा देना अपना वीर्य.

दीपू: नहीं आंटी जमीन पर नहीं गिराऊंगा आपकी चूत पर ही डालूँगा. मम्मी: नहीं नहीं कुर्ता गंदा हो जाएगा.

दीपू: चलो गांड पर डालने दो.

मम्मी: ठीक है डाल लो गांड तो क़िसी को भी दिखाई नहीं देगी. फिर एकाएक दीपू तेज़ हो गया और उसने अपना लंड मम्मी की चूत से बाहर निकाला और सारा वीर्य मम्मी की गांड पर डाल दिया.

भूपी: तुम चले जाओ अब में 10 मिनट में आता हूँ. दीपू चला गया और फिर भूपी जोश में आया.

मम्मी: दीपू को तो अच्छा जन्म का उपहार मिल गया.

भूपी: हाँ आंटी इस से बड़िया गिफ्ट उसको कहाँ मिलेगा.

मम्मी: में घोड़ी बने हुए थक गयी हूँ.

भूपी: आंटी कोई और तरीका भी तो नहीं है. यहाँ पर लेटने का भी कोई इंतज़ाम नहीं है.

मम्मी: ऐसा करते हैं तुम पेंट उतारो और इस कुर्सी के ऊपर बैठ जाओ और में ऊपर से झटका मारती हूँ.

भूपी: ठीक है मेरी रांड फिर भूपी पेंट खोल कर कुर्सी पर बैठ गया और मम्मी उसके ऊपर बैठ कर ऊपर नीचे करने लगी और मम्मी की गांड ऊपर नीचे हिलने लगी. भूपी आंटी जल्दी करो होने वाला है.

मम्मी: थोडा टाइम लगेगा मुझको.

भूपी: नहीं मेरा होने वाला है निकल जाएगा. मम्मी ने लंड बाहर निकाला और बोली चलो 2 मिनट ऊँगली करो फिर बताती हूँ.

भूपी: कितनी डालूं?

मम्मी: तीन डाल दो.

भूपी ने तीन ऊंगली डाली और मम्मी को ऊँगली करने लगा 2 मिनट बाद मम्मी बोली निकालो ऊँगली और लंड मेरी चूत के अंदर डालो. मम्मी फिर घोड़ी बन गयी और भूपी ने मम्मी की चूत में लंड डाल दिया.

मम्मी: तेज़ करो फिर मम्मी ने अपनी गांड उसके साथ दबा कर रुक गयी.

मम्मी: भूपी मेरे नीचे हाथ लगा कर देखो कितना रस निकाला है.

भूपी: वॉवववव आंटी यह तो पूरा एक पेग जितना है.

भूपी: लो अब मेरा वीर्य भी निकालो. मम्मी भूपी की मूठ मारने लगी और फिर.

भूपी: रूको तुम्हारी जांगो पर डालना है और फिर उसने अपना सारा वीर्य मम्मी की जांगो पर डाल दिया.

मम्मी: भूपी तुमने तो मज़ा दे दिया.

भूपी: आंटी तुमने भी

और फिर सब नीचे चले गये. दोस्तों आज भी मेरे ये दोनों दोस्त मिलकर मेरी माँ चोदते है. और वो भी बड़े मजे से चुद्वाती है.

 बेटे ने माँ का बलातकार किया

बेटे ने माँ का बलातकार किया

हेलो दोस्तों, आज जो माँ और बेटे की चुदाई कहानी बताने जा रही हु वो मेरी बेटे से चुदाई की कहानी हैं Hindi Hot Sex Stories Antarvasna Kamukta Sex Kahani Indian Sex Chudai आज मैं बताउंगी कैसे बेटे से चुदवाई, कैसे बेटे से चूत चटवाई, कैसे बेटे से गांड मरवाई, कैसे बेटे ने मुझे नंगा करके चोदा, कैसे बेटे ने मेरी चूत और गांड दोनों को मारा, कैसे बेटे ने मेरी चूत को चाटा, बेटे ने मेरी चूचियों को चूसा और कैसे बेटे ने मेरी चूत फाड़ दी । मैं किरण ४० साल की हु, ये बेटे ने माँ का बलातकार किया कहानी मेरे और मेरे बेटे के बारे में है. मेरे पति देव का देहांत आज से आठ साल पहले हो गया था, मैंने अपने बेटे के साथ मैं दिल्ली के द्वारका में रहती थी, मैं अपनी ज़िंदगी से काफी डरी हुई थी, क्यों की मुझे पहले ही बहुत सारे दुखो का सामना करना पड़ा था, माँ की चुदाई बीवी समझकर बेटे ने अपनी माँ को चोदा।

अब मैं नहीं चाहती थी की कोई दुःख हो, मैंने स्कूल में टीचर हु, मेरे पति जब से गए तब से मेरा बेटा मेरे साथ ही सोता था, क्यों की उससे डर लगता था, मैंने भी उससे अपने साथ सुलाती थी, मेरे मन में कभी कोई ख्याल आया भी नहीं था की बेटा जवान हो रहा है, ज़िंदगी अच्छी चल रही थी, पर रात को कई बार मैंने उसको देखा की वो मेरे प्राइवेट पार्ट को छू रहा होता था, मैंने समझती थी की वो गलती से छु गया होगा, आज से चार महीने पहले उसकी शादी कर दी, लड़की बहुत सुन्दर है, पर वो मुझमे ज्यादा दिलचस्पी लेता है.एक दिन की बात है बहु अपने मायके गई थी, रात को वो वापस आया पब से और मुझे आके कहा माँ आज मैं आपसे एक बात करना चाहता हु, मुझे गौरी (उसकी पत्नी ) में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं है, मैं अगर उसके साथ ज़िंदगी काटूंगा तो उसमे आपकी भी भागीदारी होनी जरूरी है, तो मैंने कहा बेटा मैं तो तुम्हारी माँ हु, मेरी भागीदारी तो जब तो मेरे पेट में था तब से ही है, और जब तक मैं ज़िंदा रहूंगी तब तक मैं मेरा फ़र्ज़ बनता है मैं साथ दूंगी, बेटा माँ कभी भी अपने बच्चों का साथ नहीं छोड़ती है। मैं तो तुमसे ऐसे भी बहुत प्यार करती हु मैं तुमसे अलग होने का सोच भी नहीं सकती.तभी मेरा बेटा बोला माँ आप भी ना फ़िल्मी डाइलोग सुनाने लग जाती हो, मैं आपको एक माँ के रूप में नहीं मैं आपसे तभी वो चुप हो गया मैंने पूछा हां हां बताओ क्या बात है क्या चाहिए तुम्हे? तो वो बोला मुझे सेक्स करना है आपसे, मैं अवाक् रह गई मैं सन्न हो गई, मैंने कहा ये क्या कह रहे हो?

तो बोला आप इतने बैचेन क्यों हो रहे हो, ये कोई नहीं बात नहीं है, मैंने कई बार आपसे सेक्स सम्बन्ध बनाये है, मैं चौक गई मैंने कहा मैं तो नहीं, कब कैसे, तो उसने बताया कई बार जब मुझे आप रात में पानी लाने या तो कभी प्यार से मैं खुद आपसे लिए चाय बनता था मैंने उस्समे नींद का टेबलेट डाल देता था, फिर मैं आपके साथ सम्बन्ध बनाता था. मैंने उसको एक थपड खीच के मार, और कहा हराम ज्यादा तुम्हे शर्म नहीं आई एक विधवा माँ के साथ ये हरकत करते हुए, एक पाक रिश्ता होता है माँ बेटे के साथ पर तुमने इस रिश्ते को तार तार कर दिया, मैंने तुम्हारी शादी कर दी, जितना मुह मारना है गौरी पे मारो वो जवान है खूबसूरत है, लड़की है, जितना तेरे में दम है उतना सेक्स करो कौन मना करता है, तो बेटा बोला अगर आपको ये अच्छा नहीं लगता है तो मैं घर से चला जाऊंगा, गौरी मेरे प्राइवेट पार्ट को अपने अंदर डलवाने से डरती है उसका छेद काफी छोटा है, मैं सेक्स के बिना रहा नहीं जा रहा है, अगर आप मुझे मना कर दोगे तो समझो की मैं गया.मैंने डर गई मुझे बेटा खोने का डर था, आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैं चुपचाप बैठ गई, उसी से पानी मांगे और पि, फिर मैं सोची इसके सिवा तो मेरा कोई और नहीं है अगर ये भी मुझसे रूठ के चला गया तो मेरा क्या होगा और गौरी का क्या होगा जिसके शादी के अभी सिर्फ दस दिन ही हुए है, इस लिए मैंने कहा ठीक है, पर ये बात कभी भी गौरी को मत बताना, उसने कहा ठीक है |

उसी रात से मेरे बेटे के साथ मेरा सेक्स सम्बन्ध कायम हो गया, वो मुझे कहा की आप थोड़ा अब आप थोड़ा बन ठन के रहो ऐसे भी आप बहुत खूबसूरत हो, कोई नहीं कहेगा की आप चालीस साल की हो, आप तो गौरी को भी फेल कर देती हो, आपको चूचियों मुझे काफी पसंद है, जब से मैं आपके साथ सोया तब तक मैं रात भर आपके चूचियों पे हाथ रख कर सोया था और आज मुझे आप अलग कर रही थी, मैंने कहा ठीक है हाथ मुह धो लो खाना निकलती हु, दोनों खाना खाए और मैं अंदर नाईट सूट पहन ली, उस दिन मैंने पिंक कलर का नाईट सूट पहनी, अंदर मैंने ब्रा नहीं पहनी थी, बाल खुले छोड़ दिए थे पिंक कलर की लिपस्टिक लगाईं हुई थी, जब मैं उसके सामने आई वो बोला बाउ बस मैं यही चाहता था,और वो फिर मेरे ऊपर टूट पड़ा मुझे बेड पे पटक दिया और मेरे चूचियों को दबाते हुए पिने लगा, मेरे कपडे उतार दिए, मैंने भी मूड में आ गई मैं भी उसका लैंड अपने हाथ में लेके हिलाने लगी, मेरा बेटा कह रहा था लव यू डार्लिंग, मैंने भी लव यू कह रही रही थी, बेटे ने मेरे शरीर को ऊपर से निचे अपनी जीभ से चाट रहा था, फिर वो अपना लंड निकाल कर मेरे मुह में डाल दिया मैं काफी देर तक चूसी फिर वो मेरे मुह में झड़ गया मैं उसके सीमन को पि गई, काफी दिन बाद मैंने सीमन पि थी, आज मेरे गले को थोड़ा ठंडक मिला था। अब मैं भी चुदना चाहती थी मैंने उसको कहा अब मुझे मत तड़पा, फिर वो मेरे जांघो को अलग अलग कर दिया और अपना लंड मेरे चूत के ऊपर लगा के अंदर डाल दिया,

वो धक्के पे धक्के देने लगा पूरा कमरा फच फच की आवाज से गूँज रही थी, मैंने भी अपना चूतड़ उछाल उछाल के चुदवा रही थी, उस रात को मुझे बहुत चोदा, अब मैं क्या बताऊँ गौरी भी आ गई है, गौरी जब स्कूल जाती है, वो एक स्कूल में टीचर है, तब वो मुझे चोदता है, आज कल मैं भी खुश हो क्यों की सेक्स तो सब को चाहिए आज कल मेरे गालों पे लाली फिर से आने लगी है, जैसे की पतझड़ के बाद बहार आता है वैसे ही मेरे सुनें ज़िंदगी के बाद एक बार बहार आ गया है, चाहे वो बहार लाने बाला मेरा बेटा ही क्यों ना हो. आप मुझे गलत ना समझे मैंने सिर्फ अपनी दिल की बात जो दबी रह जाती उसको मैंने निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पे आपके लिए भी शेयर किया है, अब मैं थोड़ी हलकी महसूस कर रही हु, धन्यवाद आपने मेरी कहानी पढ़ी.कैसी लगी हम डॉनो मां और बेटे की सेक्स स्टोरी , रिप्लाइ जररूर करन.

 माँ की गाँड 

माँ की गाँड

मैं अपनी माँ के साथ एक गाओं मे रहता हूँ. मैने शहर के एक स्कूल से 12 पास की और गाओं मे आ गया अपनी माँ के साथ रहने और खेती बरी संभालने. मेरी माँ चाहती थी की मैं शहर मे ही रहूं पर मेरे पापा ने ज़ोर देकर कहा की अब मुझे ही खेती बरी संभालने हैं सो मैं गाओं मे आ गया. मेरे पापा शहर मे रहते हैं और महीने मे एकबार ही घर पर आते हैं. हमारे घर पर दो कमरे थे, एक मेरा और दूसरा मेरी माँ का.मेरी आगे 19 है और माँ की 40 है. मेरी माँ एक बहुत ही कामुक औरत है. माँ वैसे तो घर मे सारी, ब्लाउस और लहंगा पहनती है पर रात को सोते समय अपना लहंगा खोल कर सिर्फ़ ब्लाउस और सारी पहन लेती है. मेरी माँ के माममे 38D साइज़ के हैं और माँ की गाँड गाँड बहुत टाइट दिखती है. रात को सोते समय अक्सर मैं उनके मम्मो को देख सकता हूँ उनके ब्लाउस से झँकते हुए जब वो सो रही होती है तब.

एक दिन मैने उनके जाँघ देख लिए. वो सो रही थी और उनकी सारी जाँघ पर आ गयी थी तो मैने उसके सफेद सफेद जाँघ देख लिए. मेरा लंड एकद्म खड़ा हो गया और मैं जल्दी से बातरूम मे जाकर मूठ मारकर आ गया. मैने सोचा पता नहीं माँ नंगी कैसे दिखती होगी. मेरे जाने के कुछ दीनो बाद से ही मैने देखा की माँ थोड़ी बेचैन है. मैने पूछा तो माँ बोली की कोई परेशानी नहीं है.

कुछ दीनो के बाद मेरे चाचा आए. उनकी उमर 60 थी. मैने देखा की माँ बहुत खुश लग रही है. चाचा को रात को रहना था हमारे घर पर और अगले दिन सुबह को अपने गाओं लौटना था. चाचा को दूसरा कमरा देकर माँ बोली की मैं रात को उनके साथ ही बिस्तर पर सो जाओं. रात को मैं और माँ बिस्तर पर सो गये.

अचानक कुछ आवाज़ से मेरी नींद टूटी तो देखा की माँ कमरे का दरवाज़ा बंद करके कहीं जा रही है. मैने सोचा रात को माँ कहाँ जा रही होगी. मैं उठा और दूसरे दरवाज़े से बाहर आकर देखा की माँ चाचा के कमरे मे जा रही है. मैं जल्दी से खिड़की के पास गया और उसमे से चुपके चुपके देखने लगा.

माँ के घुसते ही साथ चाचा बोले, ‘कितनी देर लगा दी तुमने शीला, कब्से मेरा लंड फंफंना रहा है. माँ बोली, “ रवि के सोने का इंतेज़ार कर रही थी मैं तो. चूत तो मेरी भी कब से पानी छोड़ रही है आप के घोड़े जैसा लंड के बारे मैं सोच के, मैं भी बहुत बेचैन हूँ आपके मोटे डंडे को सहलाने के लिए. देखिए ना मेरी चूत कैसे तड़प रही है आपके लंड को पाने के लिए.”

यह बोलकर माँ ने जल्दी से अपनी साडी कमर तक उठाई और चाचा को अपनी चूत दिखाने लगी. मैने भी माँ की चूत माँ की गाँड को देखा, चूत पर बाल का तो कोई निशान भी नही था, चाचा ने झट से अपनी हथेली उसकी चूत पे रख दी और उसे घिसने लगे. माँ अपने हाथ को चाचा के लूँगी के पास ले गये और उसे खोल दिया. जैसे हे माँ ने चाचा का लंड देखा “है हाए दायया ! 4 साल पहले भी तो आप से ही चुदवाती थी पर उस वक़्त तो इतना बड़ा नही था ”

चाचा बोले सर्जरी करवाइ है मेरी कुट्टिया, चल अपने कपड़े उतार और जल्दी नंगी हो जा. 4 साल हो गये तुझे चोदे हुए.”अब मैं समझा क्यूँ माँ चाहती थी की मैं शहर मे ही रहूं.

जिससे की वो चाचा से चुदवाती रहे. अब जल्दी से अपने कपड़े उतरने लगी और अपनी चोली और सारी को उतार फेंका. तब तक चाचा भी नंगे हो गये. अब मैने माँ को पूरी तरह नंगा देखा. उसके मुममे बहुत बड़े बड़े थे और उसके निपल तो एकदम खड़े थे. चाचा का लंड करीब 9+ होगा अब चाचा लेट गये और माँ झट से चाचा के उप्पर 69 के पोज़िशन मे हो गये.

चाचा ने माँ की चूत को चाटना चालू किया और माँ ने चाचा के लंड को चूसने लगी. माँ अपने मूह मे चाचा के लंड को ले लिया और उसको पूरी तरह से अपने मूह मे घुसने लगी. उधर चाचा माँ की गाँड को चाटने के साथ साथ उसकी चूत अंदर अपनी दो उंगली डाल दी और आगे पीछे करने लगे.

माँ धीरे धीरे ऊउउइईई माआअ ….. आआहह……. ऊऊओह…. करते हुए सिसकियाँ लेने लगी.

माँ …”आप की उंगली भी किसी लंड जैसे है भैया,

चाचा….” उंगली लेते वक़्त भैया ना कहा कर रानी.

माँ अब चाचा के लंड को बहुत ज़ोर ज़ोर से चूस रहे थी और उनके अंदो (बॉल्स) को दबाने लगी. चाचा बोले,” आबे साली मेरा माल मूह मे ही ले लेगी तो तेरे चूत मे लंड कौन लेगा. चल सीधी होकर मेरे लंड पर बैठ जा और सवारी शुरू कर दे.”

माँ कुछ देर तक वैसे ही चाचा के लंड को चूस्टी रहे फिर उठकर सीधी हो गयी और चाचा के पैरो के बीच बैठ कर उसके लंड को हाथ से मसालने लगी.

फिर माँ झुकी और चाचा के लंड को चाटने लगी और फिर पूरा लंड मूह मे घुसा लिया. ऐसा करते समय माँ की गाँड उप्पर हो गयी और मुझे उसकी गाँड और चूत दोनो की एक साथ दर्शन हो गयी.

तब मैने देखा की माँ जैसे जैसे चाचा का लंड और थैला चूस्टी चाचा भी अपने पैर के अंगूठे से माँ की चूत पर घिसते जाते. अचानक मैने देखा की चाचा का अंगूठा पूरा माँ की चूत मे चला गया है और माँ अचानक ही एक ज़ोर की सिसकी लेकर चाचा के उप्पर लेट गयी. मैं समझ गया की माँ ने अपना पानी छोड़ दिया चाचा पर.

 दोस्त की माँ और बहन को चोदने की इच्छा - 3

दोस्त की माँ और बहन को चोदने की इच्छा - 3

दोस्त की माँ और बहन को चोदने की इच्छा - 2


तो बोली- बस रात तक वेट करो और घर होकर जल्दी से आओ..

मैं तुम्हारा इन्तजार करुँगी।


फिर मैं वहाँ से अपने घर की ओर चल दिया और करीब 10 मिनट

में घर पहुँचा.. दरवाज़ा बंद होने के कारण घंटी बजाई..

तो मेरी माँ ने दरवाज़ा खोला और मुझे देखते ही बड़बड़ाने

लगीं- तुम्हारा कोई फ़र्ज़ नहीं बनता कि एक बार घर पर बात

कर लूँ और अपना फोन भी ऑफ किए थे?

तो मैंने उनको समझाया- माँ ऐसा नहीं है… मैं और आंटी घर

का सामान लेने बाजार गए थे.. तो विनोद से पता चला था..

पर सामान ज्यादा होने की वजह से मैंने सोचा.. बाद में मैं खुद

ही आप से मिल आऊँगा और मेरे गेम खेलने की आदत आप जानती

ही हो.. तो फोन रात में ही ऑफ हो गया था और चार्जर घर

पर ही है.. इसी वजह से.. आप से बात नहीं कर पाया। खैर.. आप

बोलो.. कोई काम हो मैं कर देता हूँ.. फिर मुझे वहाँ भी जल्दी

निकलना है.. सब्जी भी लेकर जानी है… उनके यहाँ ख़त्म हो

गई है.. वरना उनको खाना पकाने में देरी हो जाएगी..

इतना सब बहाना बनाने के बाद माँ कुछ शान्त हुईं.. और

बोलीं- अरे कोई काम नहीं था.. मैंने बस तेरे हाल लेने के लिए

फोन किया था। तेरा सुबह से ही फोन ऑफ जा रहा था और

माया जी का मेरे पास नम्बर भी नहीं था और विनोद से भी

तेरे कोई हाल-चाल नहीं मिले थे.. तो मुझे चिंता हो रही थी

कि क्या बात हो गई.. बस और कुछ नहीं था.. खैर कोई बात

नहीं.. तुम जल्दी जाओ.. नहीं तो बहन जी को खाना बनाने

में रात ज्यादा हो जाएगी और हाँ.. अपना चार्जर भी लेते

जाना.. वैसे कल तुम्हारा दोस्त कितने बजे तक आ जाएगा?

तो मैंने उन्हें बताया कल सुबह 11 बजे तक..

फिर वो कुछ नहीं बोलीं।

मैंने कपड़े बदले और कुछ पार्टीवियर कपड़े लैपटॉप के बैग में रखे..

साथ ही चार्जर भी डाला और माँ से बोला- अच्छा माँ.. मैं

अब चलता हूँ।

तो उन्होंने बोला- कल समय से आ जाना और अगर देर हो.. तो

फ़ोन कर देना।

फिर मैं ‘ओके’ बोल कर अपने घर से माया के घर की ओर चल

दिया।

अब बस मेरे दिमाग में माया के चिकने गोल नितम्ब नाच रहे थे

कि कैसे आज मैं उसकी गांड बजाऊँगा और यूँ ही ख्यालों में

खोया हुए कब मैं उनके घर पहुँचा.. पता ही न चला।

फिर मैंने घंटी बजाई तो थोड़ी देर बाद माया ने दरवाज़ा

खोला और मुझे देखते हुए बड़े आश्चर्य से बोली- अरे राहुल अभी

तो बस गया था और इतनी जल्दी आ भी गया।

तो मैंने तुरंत बैग सोफे पर पटका और उसे बाँहों में भर कर प्यार

करते हुए उसके चूचे दबा कर कहा- यार तेरी गांड ने मुझे इतना

दीवाना बना रखा है कि मेरा मन कहीं लग ही न रहा था।

तो उसने मेरे गालों पर चुटकी ली और इंग्लिश में शैतानी भरे

लहजे से बोली-यू आर स्वीट एंड सॉर.. तू बड़ा हरामखोर है..

तो मैंने भी उसके भोंपू कस कर दबा कर जवाब दिया- सीखा

तो तुझी से ही है।” फिर वो एक शरारत भरी मुस्कान के साथ

बोली- देख अभी मैं तेरे लिए चाय लाती हूँ और तब तक तू फ्रेश

हो जा.. जब तक तू चाय पियेगा.. मैं तैयार होकर आ

जाऊँगी.. फिर हम किसी अच्छे से होटल में डिनर करने चलेंगे।

तो मैंने भी उससे मुस्कुरा कर बोला- आज तुम मुझे बिना कहे ही

चाय पिला रही हो… क्या बात है जो इतना ख्याल है मेरा..

तो माया बोली- अरे कुछ नहीं.. जब तू मेरा इतना ख़याल

रखता है.. तो मेरा भी फर्ज बनता है।

इतना कह कर वो रसोई में चली गई और मैं वाशरूम चला गया।

मैंने चेहरा वगैरह साफ किया और अपना बैग खोल कर कपड़े

निकाले।

तब तक माया चाय ले आई और मेरे कपड़े देख कर बोली- ओहो…

क्या बात है राहुल किसी और को भी नीचे गिराने का

इरादा है।

तो मैंने बोला- ऐसा नहीं.. वो तो मैं इसलिए लाया था

क्योंकि पहली बार किसी के साथ मैं डिनर पर जा रहा हूँ..

तो इस पल को और अच्छा करने के लिए मैंने ऐसा किया है।

तो बोली- वैसे जो पहने हो.. वो भी ठीक हैं.. पर जब लाए

हो.. तो बदल लो… अब तो मुझे भी तेरी तरह सजना पड़ेगा..

ताकि मैं तेरे इस पल को और हसीन कर दूँ। अब तुम चाय की

चुस्कियों का आनन्द लो और मैं चली तैयार होने..

तो मैंने झट से एक हाथ से चाय का मग पकड़ा और दूसरे हाथ से

उनके चूचे मसके..

तो बोली- अरे छोड़ो.. अभी रात भी अपनी ही है.. नहीं तो

जाने में देर हो जाएगी। मैंने बोला- चुस्कियों का मज़ा जो तेरे

मम्मे देते हैं वो चाय में कहाँ..

और एक बार उसके मस्त मम्मों को फिर से दबा दिया।

तो माया बोली- अच्छा.. अब जाने भी दो.. रात को जी

भर के चुस्कियां ले ले कर पी लेना.. पर अभी तुम सिर्फ चाय

पियो।

इतना कहकर वो चली गई और मैंने भी चाय ख़त्म की। मैं अपने

कपड़े पहनने लगा और तैयार हो गया और वहीं सोफे पर बैठ कर

माया का इन्तजार करने लगा घड़ी देखी.. तो आठ बज चुके थे

पर माया अभी तक नहीं आई।

मैंने मन में सोचा पता नहीं ये कितना देर लगाएगी तो मैंने

आवाज़ लगाई- आंटी और कितनी देर लगाओगी?

तो वो बोली- बस थोड़ा और वेट करो..

देखते ही देखते साढ़े आठ बज गए.. मैंने फिर जोर से आवाज़ दी-

आंटी जल्दी करो..

तो वो बोली- बस हो गया अभी आई..

करीब पांच मिनट बाद आंटी आ गई और मुझसे बोली- तुमको

इतनी बार बोला मुझे आंटी-वांटी नहीं.. माया बोला करो..

पर तुम्हें समझ नहीं आता क्या?

पर उनकी इस बात का मेरे ऊपर कोई असर नहीं पड़ा कि वो

क्या कह रही है क्योंकि मैं उसे देखता ही रह गया था।

आज वो किसी मॉडल से कम नहीं दिख रही थी.. क्या बला

की खूबसूरत लग रही थी जैसे priyanka chopra..

उसने अपने बालों को पोनी-टेल की तरह बांध रखा था और नेट

वाला अनारकली सूट पहना हुआ था..

आँखों में काजल और मस्कारा वगैरह लगा कर मेकअप कर रखा

था..

आज वो वाकयी बहुत सुन्दर सी किसी परी की तरह दिख

रही थी।

उसके होंठों पर जो सुर्ख लाल रंग की लिपस्टिक थी.. वो

भी शाइन मार रही थी।

मैं तो उसके रूप-सौंदर्य में इतना खो गया था कि मुझे कुछ भी

सुनाई नहीं दे रहा था और सिर्फ वही दिखाई भी दे रही थी।

यार क्या गजब का माल लग रही थी.. देख कर लग ही नहीं

रहा था कि ये रूचि की माँ है या उसकी बड़ी बहन है.. मैंने उसे

अपनी बाँहों में लेकर चूम लिया उसके गर्दन और उसके कपड़ों से

काफी अच्छी सुगंध आ रही थी.. जो की किसी इम्पोर्टेड

सेंट की लग रही थी।

मैंने उससे पूछा- कौन सी कंपनी का कमाल है.. जो इतना

मादक महक दे रही है?

तो उसने बताया- अभी पिछली बार मेरे पति लाए थे।

‘अरे मैंने कंपनी पूछी है…’

तो बोली- ‘ह्यूगो बॉस’ का है।

तो मैंने भी मुस्कुरा कर बोला- फिर तो फिट है बॉस.. वैसे आज

इतना सज-धज के चलोगी तो पक्का दो-चार की जान तो ले

ही लोगी।

तो बोली- मुझे तो बस अपने इस आशिक से मतलब है और मैंने

तुम्हारी ख़ुशी के लिए ये सब किया है ताकि तुम्हारी पहली

डेट को हसीन बना सकूँ।

मैंने कहा- पर इतना सब करके हम चलेंगे कैसे.. बाइक से तो जमेगा

भी नहीं।

तो उसने मुझे कार की चाभी दी और बोली- मुझे तो चलानी

आती नहीं.. अगर तुम्हें आती हो तो चलो.. नहीं तो फिर हम

बाइक से ही चलते हैं।

तो मैंने उनसे चाभी ली और बोला- यार मैं बहुत अच्छे से चला

लेता हूँ..

तो वो कुछ मुस्कुरा कर बोली- हम्म्म बिस्तर पर तो अच्छा

चलाते हो.. अब रोड पर भी देख लूँगी।

मैंने उसको एक आँख मारी और फिर मैं और वो चल दिए।

माया ने अपार्टमेंट के गार्ड को चाभी दी और बोला- जाओ

कार बाहर ले आओ..

वो काफी समझदार थी.. क्योंकि उसे तो चलानी आती

नहीं थी और वो जाती तो कैसे लाती और मेरे साथ अगर बैठ

कर निकलती तो उसे और लोग भी नोटिस करते।

मैंने उसके दिमाग की दाद तो तब दी..

जब गार्ड गाड़ी लेकर आया तो उसने झट से ही ड्राइविंग सीट

के अपोजिट साइड वाला गेट खोला और मुझसे बोली- अभी

मुझे देखना है कि तुम कार चलाना सीखे या अपने दोस्त की

ही तरह हो.. क्योंकि विनोद केवल काम चलाऊ ही चला

पाता है.. आज तक मैंने कभी भी उसे कार चलाते नहीं देखा

था।

मैं भी उसकी ‘हाँ’ में ‘हाँ’ मिलाते हुए बोला- आंटी ये बात है..

तो आप बैठिए और आज मैं ही पूरी ड्राइविंग करूँगा और उसे एक

आँख मार कर गाड़ी में बैठने लगा।

तो गार्ड बोला- मैडम आप रिस्क क्यों ले रही हैं.. आप ही ले

जाइए न..

तो आंटी बोली- अरे बच्चे को मौका नहीं मिलेगा तो

सीखेगा कैसे?

फिर मैंने गाड़ी स्टार्ट की और चल दिया.. कुछ दूर पहुँचते ही

उनसे गुस्से में बोला- मैं अभी बच्चा हूँ।

तो बोली- तो क्या कहती उससे कि मेरा पति है.. और तुमने

भी मुझे आंटी बुलाया था.. समझो बात बराबर।

तो मैंने बोला- अरे कोई दूसरा न सुने.. इसलिए मैं आंटी-आंटी

कह रहा था.. ऐसे तो माया ही बुलाता हूँ..

‘अरे तो मैंने भी इसी लिए बोला था.. ताकि किसी को शक

न हो।’

तो मैंने बोला- आप नाम भी ले सकती थी।

‘अरे बाबा.. सॉरी.. मुझे माफ़ कर दे.. गलती हो गई और रोड

पर ध्यान दे।’

फिर वो मुझसे बोली- वैसे हम डिनर पर कहाँ चल रहे हैं?

तो मैंने बोला- जहाँ आप सही समझो।

उसने बोला- अब तेरी पहली डेट को कुछ स्पेशल तरीके से

बनानी है.. तो कुछ स्पेशल करते हैं। एक काम करो लैंडमार्क

चलते हैं।

तो मैंने बोला- इतना मेरा बजट नहीं है.. किसी सस्ते और अच्छे

होटल में चलते हैं।

तो वो मेरे गालों पर प्यार भरी चुटकी लेकर बोली- यार तू

कितना भोला है.. मैं इसी कारण तुझ पर मरने लगी हूँ.. पर

अभी मैं जैसा बोलती हूँ.. वैसा ही करो, नहीं तो मुझे बुरा

लगेगा।

तो मैंने बोला- पर मेरी एक शर्त है।

बोली- कैसी?

मैंने बोला- जो भी बिल होगा उसे मैं ही दूँगा.. अभी मेरे पास

2500 रूपए के आस-पास हैं तो मैं आपको 2000 रूपए दे रहा हूँ और

आगे जितना भी होगा उसे आपको मैं जब बाद में दूँगा तो आप

ले लोगी।

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