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 बेटा पैर दबा रहा था मुझे नींद आ गयी बेटा पेटीकोट उठाकर चोद दिया

बेटा पैर दबा रहा था मुझे नींद आ गयी बेटा पेटीकोट उठाकर चोद दिया

मेरा नाम कुंती है, आज मैं आपको अपनी सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूँ। ये सेक्स कहानी एक माँ बेटे के बिच की है। मेरा बेटा राहुल मुझे एक रात चोद दिया आज मैं उस रात की पूरी बात आपको इस वेबसाइट यानी की HINDI HOT SEX स्टोरी डॉट पर पोस्ट कर रही हूँ। ये कहानी आज से ठीक साथ दिन पहले की है। मैं इसलिए इस वेबसाइट पर ये कहानी डाल रही हूँ ताकि आप भी जान सकें की उस दिन मेरे साथ क्या क्या हुआ था। क्यों की मैं भी इस वेबसाइट की फैन हूँ और मैं भी रोजाना यही कहानियां पढ़ती हूँ। मुझे सेक्स कहानी पढ़ना बहुत अच्छा लगता है।

मेरी उम्र अभी 36 साल है। जल्दी शादी हो गयी और बच्चा हो गया। बच्चा तो बड़ा हो गया पर मैं अभी भी हॉट और खूबसूरत हूँ। आपको भी पता है 35 साल के ऊपर की औरत बहुत हॉट सेक्सी गदराया बदन और खूबसूरत होती है। असल चुदाई की मजा तो 35 साल से 45 साल की औरत की है। मैं खूबसूरत होने के साथ साथ मॉडर्न हूँ। वेस्टर्न ड्रेस पहनती हूँ ब्यूटी पारलर जाती हूँ। सजने सवरने का शौक है। 34 साइज की ब्रा पहनती हूँ कमर मेरी 32 की है चूचियां बड़ी बड़ी और सेक्सी है। बदन मेरा गोरा है लम्बे बाल है। होठ गुलाबी है बिना लिपस्टिक लगाए। तो दोस्तों ये तो जानकारी मेरे बारे है। पर ये भी जान लीजिये की मैं अकेली अपने बेटे के साथ लखनऊ में रहती हूँ। पति मेरा भाग गया है एक लड़की को फुसलाकर बहलाकर और उसी की साथ दिल्ली में रहता है। अभी मैंने केस किया है इसलिए बातचीत बंद है। और अकेली ही रहती हूँ।

चुदाई का मन तो सबका करता है चाहे जो औरत रोज चुदती है या कभी कभी। मुझे तो चुदना बहोत अच्छा लगता है पर मैं लाचार हूँ इस समय। किसी से दोस्ती भी नहीं कर सकती जब एक बार फ्री हो जाऊ तो अलग अलग उम्र के तीन चार बॉय फ्रेंड बनाउगीं ताकि मोटा लंड पतला लंड जवान बूढ़ा पहलवान सभी लंड का स्वाद ले सकूँ और अपनी हॉट और सेक्सी गीली चूत में डलवा सकूँ। तो अब मैं सीधे कहानी पर आती हूँ, जिसका आपको भी इंतज़ार है।

एक दिन की बात है मैं मार्किट गयी थी और आने में देर हो गयी। खाना बाहर से ही ले आई थी उस दिन मेरा माहवारी भी शुरू हुआ था तो पेट में कमर में दर्द हो रहा था। हम दोनों माँ बेटा खाना खा लिए जल्दी और मैं अपने पलंग पर चली गयी सोने उस समय रात के करीब नौ बजे थे। राहुल मोबाइल पर क्रिकेट गेम खेल रहा था। मैं राहुल से बोली बेटा आज मेरा पैर दबा दो आज बहुत दर्द हो रहा है पुरे शरीर में। उसने कहा आपके पैर में सरसों तेल का मालिश कर देता हूँ ताकि दर्द तुरंत ख़तम हो जाये। राहुल ऐसा करता है जब मन करता है वो मेरे पैर में तेल लगाकर मालिश कर देता है। और जब भी वो मालिश करता है मुझे नींद भी अच्छी आती है और मैं उसी समय सो जाती हूँ।

उस दिन भी ऐसा ही हुआ उसने मेरे साडी और पेटीकोट को घुटने से ऊपर कर दिया और पैरों में तेल लगाने लगा। और ना जाने कब आँख लग गयी और मैं सो गयी। पर जब नींद खुली तो देखि वो मेरे ब्लाउज का हुक खोल चुका था। मेरी दोनों चूचियां बाहर आ गयी थी और पेटीकोट और साडी दोनों ही कमर के ऊपर तक था। वो मेरे बदन को निहार रहा था और अपना लंड जांघिया से निकाल कर हाथ में ले आकर हिला रहा था।

नींद खुलते मैं तो भौचक रह गयी की राहुल मेरे साथ क्या कर रहा है। पर उसे किसी बात का डर नहीं था उसने तुरंत ही मेरे ऊपर चढ़ गया और दोनों चूचियों को मसलने लगा। मैं दूर कर रही थी उसे की ये ठीक नहीं है पर वो नहीं मान रहा था और मेरे होठो को चूसने लगा। मेरे बदन को सहलाने लगा। मेरी चूचियों को मसलने लगा। थोड़े देर तक तो कहती रही राहुल ये सब ठीक नहीं नहीं पर वो और भी ज्यादा करने लगा। आख़िरकार मेरी चूत भी पानी पानी हो गया क्यों की मैं भी काफी समय से चुदी नहीं थी।

मैंने भी अब उसको कुछ भी नहीं कहा और दोनों पैरों को अलग अलग फैला दी। वो बिच में आ कर बैठ गया और मेरी चूत को निहारने लगा। मेरे होठ खुद व् खुद दॉंत से दब रहे थे मेरी सिसकारियां निकल रही थी मेरे तन बदन में आग लग रही थी। मेरे होठ लाल हो गए थे और गाल गुलाबी हो गया था मेरी चूचियां तन गयी थी निप्पल टाइट हो गया और चूत से गरम गरम पानी निकलने लगा था मेरे होठ सुख रहे थे। आआह आआ हआ ओह्ह्ह्हह को आवांज अनायास ही ही मेरे मुँह से निकल रहा था।

मैं भी चुदने को तैयार थी। पर राहुल मेरे जिस्म के साथ खेल रहा था मेरे बदन को मेहसूस कर रहा था छू रहा था मेरे अंगो को ऐसा लग रहा था उसको जन्नत मिल गया है इसलिए वो बड़े ही सिद्दत से एक एक चीज को देख रहा था और महसूस कर रहा था। मैंने कहा अब तो तूने मेरे शरीर में आग लगा दिया राहुल अब तू जल्दी बुझा इस आग को। मैं पागल हो जाउंगी जल्दी नहीं चोदा तो।

उसने भी आव देखा ना ताव तुरंत ही लंड हाथ लिया और मेरे चूत के मुँह पर रखा दो तीन बार रगड़ा मैं भी अपना चूतड़ सेट कर ली और फिर उसने एक भी धक्के अपना नौ इंच का लंड मेरे चूत में पेल दिया। ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह मैं तो जन्नत में आ गयी ऐसा लगा था इतना मोटा लंड चूत में जैसे ही गया। मैं राहुल को चूमने लगी। वो मेरी चूचियों को पीने लगा। मेरे हाथ रगड़ता तो मैं और भी पागल हो रही थी।

मैं गांड उछाल उछाल कर चुदवाने लगी और वो जोर जोर से धक्के देते हुए कभी मुझे चूमता कभी जीभ मेरे मुँह में देता कभी चूचियां मसलता कभी गांड के छेद में अपना ऊँगली डालने को कोशिश करता। और जोर जोर से मुझे चोदने लगा। अब हम दोनों ही एक दूसरे को चुदाई में मदद करने लगे। कभी घोड़ी बन कर चुद रही थी कभी मैं उसके ऊपर चढ़। जाती कभी पीछे से कभी आगे से कभी घोड़ी बनाकर कभी पैर उठाकर।

उस दिन राहुल ने मुझे दो घंटे तक चोदा हम दोनों ही पानी पानी हो गए थे। एक वो दिन था मुझे लग रहा थे मेरी सुहागरात हो। राहुल दूल्हा और मैं दुल्हन। अब हम दोनों ऐसा कोई बंधन नहीं है जिससे हम दोनों करीब नहीं आएं। अब जब मन करता है हम दोनों एक दूसरे को खुश कर देते हैं। मैं जल्द ही अपनी दूसरी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखने वाली हूँ तब तक के लिए धन्यावाद।

 भैया ने सुबह-सुबह चोदा योगा सिखाने के बहाने

भैया ने सुबह-सुबह चोदा योगा सिखाने के बहाने

मेरा भाई अभी हाल ही में रामदेव बाबा के आश्रम में गया था हरिद्वार और वहां से सीख कर आया योगा। और लगा सिखाने अपनी छोटी बहन को, योगा सिखाने के बहाने उसने सुबह सुबह ही मुझे चोद दिया। अब वह कहता है रोजाना तुम 6:00 से 7:00 सुबह फ्री रहना ताकि मैं तुम्हें योगा सिखा सकूं। पर अब मुझे पता है ना 6:00 से 7:00 योगा नहीं बस उसको मुझे चोदना है।

3 दिन से वह लगातार मुझे चोद रहा है योगा के नाम पर। आज मैं आपको अपनी पूरी कहानी इस वेबसाइट पर बताने जा रही हूं। रोजाना इस वेबसाइट पर आकर में एक से एक सेक्सी कहानियां पढ़ती हूं और मजे करती हूं। मैं सीधे अपनी कहानी पर आऊंगी और आपको बताऊंगी कि उसने मुझे क्या-क्या किया और कैसे किया और योगा के नाम पर मेरे गांड को मेरी चूत को मेरे बूब को खूब सहलाया दबाया पहले। फिर अपना मोटा लंड निकाल कर मेरी चूत में डाल दिया हो गया उसका योगा।

मेरा नाम कल्याणी है मैं 22 साल की हूं और मेरा भाई 24 साल का है। भाई बहन दोनों बहुत हिल मिलकर रहते हैं कभी ऐसा नहीं लगा कि हम दोनों भाई बहन हैं हम दोनों ही दोस्त के जैसे रहते हैं। मेरे मम्मी पापा भी खुले विचार के हैं। आज तक हम दोनों भाई बहन एक ही कमरे में सोते हैं मम्मी पापा एक कमरे में सोते हैं। भले ही अलग-अलग बेड है हम दोनों भाई बहन का दरवाजा बंद कर हम लोग सो जाते हैं आज तक कभी मम्मी पापा को ऐसा नहीं लगा के जवान बेटा बेटी एक साथ नहीं सुलाने चाहिए।

मैं तुरंत ही नीचे हो गई और बोली कि क्या कर रहे हो उसने कहा ऐसा बदन देख कर कोई साधु तो नहीं बन सकता मैं योगा सिखा सकता है। और उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया मेरा ऊपर का जो कपड़ा था वह तुरंत खोल दिया घर में मम्मी पापा थे नहीं वह लोग सुबह कहीं चले गए थे , 5:00 बजे कार से वह कहीं उनको जाना था। मैं भी थोड़ा उसके चक्कर में आ गई क्योंकि उसका गठीला बदन देखकर मैं भी थोड़ा पसीज गई। उसने मेरे होंठ पर किस करना शुरू कर दिया। मैं भी कहां कम थी मैं भी उसके होंठ को अपने मुंह में ले ली और चूसने लगी धीरे-धीरे करके उसका में लंड पकड़ ली।

उसने अपना हाथ में घुसा दिया मेरी चूत पहले से ही काफी गीली थी। ब्रा का हुक तुरंत उस ने खोल दिया मेरे दोनों चूचियां आजाद हो गया। वह तुरंत ही मेरे चूचियों को मसलने लगा और अपने मुंह में ले लिया। मैं उसको चूमने लगी किस करने लगे रखने बाहों में भर ले। मैं तुरंत ही नीचे बैठ गई और उसका लंड निकाल कर अपने मुंह में ले ली। और चूसने लगी। मोटा करीब 9 इंच का उसका लैंड था मैं आइसक्रीम की तरह चूस रही थी और वह खड़े-खड़े मेरे बाल को पकड़कर अपने लंड के तरफ रहा था। मैं नंगी पूरी तरीके से थी वह भी नंगा हो गया उसने योगा मैच पर मुझे लिटाया दोनों पैरों को अलग-अलग कि अपना लंड मेरी चूत पर लगाकर जोर से घुसा दिया।

जैसे ही पूरा लंड मेरी चूत में गया मैं तड़पने लगी। दर्द तो जोर से हुआ था क्योंकि उसने जोर से धक्का मारा था। पर जैसे ही उसने तीन चार बार अंदर बाहर किया मुझे अच्छा लगने लगा। मेरी बड़ी बड़ी चूचियों को मसलते हुए वह मेरे होंठ को चूमता था। और लंड को अंदर बाहर अंदर बाहर कर रहा था। मेरे पूरे शरीर मैं ऐसा लग रहा था जैसे कि आग लग गई हो। मैं वासना की आग में जलने लगी थी मैं पागल होने लगी थी उसका लंड जैसे ही मेरे चूत में गया था मेरे रोम रोम खड़े हो गए थे मैं बस चोदना चाह रही थी।

उसने मुझे घोड़ी बनाकर गांड के नीचे से अपना लंड मेरी चूत के सामने रखा और जोर-जोर से गांड की तरफ से मुझे चोदने लगा। ऐसा चोदने से उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर समा रहा था और जब वह जोर से धक्का देता था मेरी गांड दो फाक में बदल जाता था। मेरे दोनों चूतड़ हिल रही थी बार-बार वह मेरे चूतड़ पर थप्पड़ भी मारता था अब पूरा लंड मेरी चूत में फेल रहा था। अब वह नीचे लेट गया मैं उसके ऊपर चढ़ गई उसके लंड पर बैठ गई अपने चूत के पास रख कर। अब मैं गांड को गोल-गोल घुमा कर उसके लंड पर दे रही थी। उसका अंदर बाहर हो रहा था और मैं ऊपर से धक्के दे रही थी।

फिर मेरी एक टांग को उसने टेबल पर रखा और बीच में लंड चूत में डालने लगा। खड़े-खड़े चुदाई का मजा तो कुछ और ही होता है मैं उसकी बाहों में आ गई और वह नीचे से मेरी चूत में लंड घुसा रहा था। हर एक 10 से 15 सेकंड में वह मेरी चूचियों को मसलते और मेरे निप्पल को चूसने लगता। फिर उसने मुझे उल्टा कर दिया फिर उल्टा होकर मुझे चोदने लगा। और यह सब काम योगा मैथ पर हो रहा था ऐसा लग रहा था योगविद्या चल रही हो। कभी आप भी ऐसे ट्राई करके देखिए योगा का ड्रेस पहन लिए योगा मैट भी चाहिए और सुबह-सुबह आप अपनी गर्लफ्रेंड का या अपनी बीवी का या आप जिसको भी चोदते हैं जिसके साथ आप का सेक्स संबंध है उसके साथ कभी योगा करते हुए योगा मैथ पर और योगा कपड़े पहने हुए चुदाई कीजिए।

बेहतरीन लगेगा आपको जैसा कि मुझे लगा मेरा भाई उस दिन मुझे खूब चोदा बहुत मजा आया। उस दिन के बाद से वही होगा कम करता है उस समय मेरी चुदाई ज्यादा करता है। चाहे योगा कीजिए या चुदाई कीजिए शरीर तो आपका ही बनेगा आजकल मैं और भी ज्यादा सुडौल हो गई हूं। मन शांत रहता है क्योंकि जुदाई का ख्याल नहीं आता है अब मेरे दिल में। घर का माल हूं घर में रह गई हूं तो यह अच्छी बात है बाकी जब शादी होगी तो देखी जाएगी तब तक मैं अपने भाई से ही मजा ले लेती हूं।

मैं जल्द ही दूसरी कहानी Hindi Hot Sex Stories पर लिखने वाली हूं आप जरूर वेबसाइट पर फिर से आएगा आप खुद देखिएगा यहां की कहानियां बड़े ही हॉट और सेक्सी होती है मुझे बहुत पसंद है तो आपको भी जरूर पसंद आएगा।

 जुए में अपनी बेटी को हार गया बाप एक रात के लिए

जुए में अपनी बेटी को हार गया बाप एक रात के लिए

मेरा बाप मुझे हार गया, एक रात के लिए और उस रात मेरे साथ क्या-क्या हुआ आपको मैं इस कहानी के माध्यम से बताऊंगी। मेरा बाप जुआ खेल भी रहा था तो अपने दोस्त के साथ जिसको मैं हमेशा अंकल कहती थी उसी ने मुझे पूरी रात चोद चोद कर मेरी चूत को सुजा दिया। यह कैसे हो गया जब आप मेरी पूरी कहानी पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा।

मेरा नाम दीप्ति है मैं इक्कीस साल की लड़की हूं। मेरी मां नहीं है कोरोना में उनका देहांत हो गया है। मेरा एक भाई था वह अब हम लोगों के साथ नहीं रहता है वह सगी मासी को लेकर भाग गया। कहा जाता है मौसी या मासी मां समान होती है। पर बेटा नालायक हो और मां बदचलन हो तो वैसी मासी भाग ही जाती है अपने से 10 साल छोटे लड़के के साथ। आपको तो समझ आ गया होगा मेरा परिवार कैसा है मेरा समाज कैसा है मेरे घर के लोग कैसे हैं। मैं बहुत सभ्य और सुशील लड़की बनने की हमेशा सपने देखते रहे। पढ़ाई में भी अच्छी हूं पर पढ़ने का साधन नहीं है। दुनिया में जब वह इंसान ही धोखा दे दे जो सबसे पूज्य हो तो बाकी के लिए क्या भरोसा करना। इसलिए बाप के नाम से मुझे नफरत हो गया।

सीधे कहानी पर आते हो आपका समय में बर्बाद करना नहीं चाहती। दिवाली का दिन था सब लोग अपने घर में मिठाई नए कपड़े पटाखे पूजा का सामान लाने में व्यस्त थे। मैं भी अपने घर को अच्छे से साफ सुथरा करें ताकि शाम को पूजा कर सकूं। मैं पार्ट टाइम जॉब करती हूं जिससे मेरा खर्चा चलता है और घर के छोटे-मोटे सामान भी उसी से ले आती हूं। मेरे पापा एक छोटी कंपनी में काम करते हैं ज्यादा सैलरी तो है नहीं पर शराब वह रोजाना पीते हैं इस वजह से मेरे घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। दिवाली में जो बोनस मिला था उसको वह पहले ही खत्म कर चुके थे।

उन्होंने बोला था कि मैं शाम को आऊंगा और कुछ मैं पैसे लेकर आऊंगा फिर हम दोनों जाकर बाजार से मिठाईयां वगैरह लेकर आएंगे और दिवाली मनाएंगे। पर उनका कोई अता पता रात को 9:00 बजे तक नहीं था। घर में पूजा पाठ करके मैं उन्हें का राह देख रही थी। तभी पापा घर आए शराब से वह फूल थे। मैंने कहा आप पैसे लाए हो उन्होंने कहा नहीं। मैंने पूछा आपने तो कहा था कि शाम को पैसे लेकर आऊंगा और आप आए इतनी रात को अब कहां आप बाजार जाओगे और सामान लाने जाओगे।

उन्होंने कहा मेरे से एक बहुत बड़ी गलती हो गई। मैं तुम्हें जुए में हार गया हूं। सुबह से मैं जुआ खेल रहा था मैं चाहता नहीं था जुआ खेलने के लिए पर जो मेरा दोस्त है राजीव उसने ही मुझे पूरे दिन तक फसाया रखा और शाम तक बात ही ऐसी हो गई कि मेरे सारे पैसे खत्म हो गए। उसने दारु मुझे पिला दिया और अदाओं पर तुम्हें लगा दिया। मैं हार गया तुम्हें आज रात के लिए। मुझे माफ कर देना मैं एक अच्छा बात नहीं हूं तेरा। मुझे तो गालियां देने का मन बहुत कर रहा था पर क्या करते मुझे लगा कर आस-पड़ोस के लोगों को भी पता चल जाएगा इस वजह से चुप ही रहना मैं बेहतर समझी।

आधे घंटे में ही राजीव अंकल मेरे घर पर आ गए। उन्होंने आते ही मुझसे कहा तुम्हें तो पता ही चल गया होगा कि आज रात तो मेरे साथ रहेगी। मैंने कहा अंकल आपको मैं बाप के समान मानते थे हमेशा इज्जत देते थे पर आपने तो ऐसा क्यों कर दिया पापा के साथ। आपकी बेटी भी तो मेरे उम्र के हैं आपको तो कम से कम ऐसा नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा ज्ञान की बातें मत कर बिजनेस बिजनेस होता है जुआ जुआ होता है। तुम्हारा बाप हार गया जुए में तो मैं क्या करूं। यह तो तुम अपने बाप से पूछो। मैंने अपने पापा की तरफ मुंह उठाकर देखा तो वह अपना दोनों हाथ जोड़कर गिरना रहे थे कि मेरे से गलती हो गई।

मैंने कहा ठीक है जब यह हार गए हैं एक रात के लिए तो मैं तैयार हूं पर आज दिवाली है आज मैं नहीं जाऊंगी। किसी तरीके से मैं उस दिन के लिए मना कर दी। और अंकल भी मान गए चलो ठीक है आज दिवाली है इसलिए मैं छोड़ देता हूं ऐसे में किसी को छोड़ता नहीं हूं 10 साल से मैं किसी ना किसी को ऐसे ही जुए में हर आता हूं और उसकी बीवी को या उसकी बेटी को एक रात के लिए रखता हूं। पर आज तक कभी ऐसा मौका नहीं आया था कि मैंने किसी को छोड़ दिया हूं पर मैं आज तुम्हें छोड़ रहा हूं कल तुम 8:00 बजे रात को मेरे खेत वाले बंगले पर आ जाना।

आपको समझ में आ गया होगा दोस्तों मेरे दिवाली कैसी बीती होगी। पूरी रात में सोचती रही कि अगर आज मां जिंदा होती तो मेरे साथ यह सब कुछ नहीं होता। पर जो विधाता ने लिख रखा है उसको कौन मिटा सकता है। मुझे जाना ही पड़ेगा यही सोच कर मैंने भी अपने कलेजे पर पत्थर रखकर सोच ली कि जो होगा देखा जाएगा। दूसरे दिन 8:00 बजे मुझे जाना था। पापा घर आए नहीं थे पर अंकल अपना गाड़ी लेकर आ गए। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लग रहा था कि हो सकता है तुम ना आओगे इसलिए मैं तुम्हें लेने के लिए आ गया हूं। मैं बोली पापा को आने तो दो एक बार बात कर लेंगे उसके बाद हम चलेंगे। उन्होंने कहा मैंने तुम्हारे पापा से बात कर लिया है तू चल मेरे साथ।

मैं उनके साथ उनके खेत वाले बंगले पर पहुंच गई। वहां पहुंचकर मुझे डर सा लग रहा था। क्योंकि बड़ा सा बंगला था कोई था नहीं उनके घर में दो बड़े-बड़े कुत्ते थे। रईस लोग हैं पापा की दोस्ती तो बस इसलिए थी ताकि वह मेरी मम्मी के साथ सो सके। नहीं तो इतना बड़ा इंसान पापा का दोस्त नहीं होता। और आज अगर दोस्ती है भी तो शायद वह मेरे चलते हैं उनके मन में जरूर कुछ ना कुछ चल रहा होगा इसी वजह से वह मुझे आज इस हालात पर पहुंचा दी है।

उन्होंने मुझे बैठाया और पूछा खाओगे पियोगे। मैंने कहा नहीं नहीं मुझे भूख नहीं है मुझे प्यास नहीं है। फिर भी उन्होंने मुझे चिकन और रुमाली रोटी खाने के लिए दिया मुझे लगा कर अब जो होना है हो ही जाएगा तो डरना किस बात का। जिंदगी चाहे जैसे जीने का रास्ता बनाए उसी को अपनाना होता है। और मैं तुम्हारी रोटी और चिकन खाने लगी। उन्होंने भी चिकन अपने थाली में रखा रोटी लिया और वह भी खाने लगे। इसके साथ-साथ वह शराब भी पीने लगे उन्होंने मुझसे भी पूछा कि तुम शराब कभी पी हो मैंने कहा नहीं कभी नहीं पी हूं। मैं बोली मैं इतनी बड़ी रहीस नहीं हूं कि मैं शराब पी लूंगी। रईस जो लड़कियां होती है जो बड़े घर की लड़कियां होती हैं वही शराब और दारू का मजा लेती है। मैं तो गरीब घर की लड़की हूं मेरा बाप जुआ खेलकर आज हार गया और आज मैं आपके साथ यहां पर बैठी हूं।

उन्होंने कहा देखो दीप्ति तुम मुझे गलत समझ रहे हो मैं यहां पर तुम्हें कुछ करने के लिए नहीं बुलाया हूं। मैं तुम्हारे बाप को सबक सिखाना चाहता था। मैं चाहता था कि क्योंकि तेरी मम्मी मुझे हॉस्पिटल में बोल कर गई थी कि आप मेरी बेटी का ध्यान रखिएगा। पर तेरा बाप इतना बड़ा दारूबाज है तुम्हें कहीं भी बेच देगा जब वह मुझे हार गया तो तुम्हें कहीं और भी हार जाएगा। बेशक में तुम को जीतकर यहां पर लाया हूं पर मैं तुम्हारे बाप को सबक सिखाने के मकसद से यह सब नाटक मुझे करना पड़ा।

क्योंकि उसने कसम खाया अब के बाद से मैं कभी शराब नहीं पियूंगा कभी जुबा नहीं खेलूंगा। तो तुम यहां पर इज्जत के साथ आज रात रहो और हां मैंने जो उस रात बोला था कि मैं किसी को नहीं छोड़ता हूं हर 1 साल ऐसा करता हूं वह बात गलत है मैं एक अच्छा इंसान हूं मैं भी एक लड़की का बाप हूं और मैं जानता हूं कि लड़की की इज्जत क्या होती है। रही बात तुम्हें यहां तक बुलाने के लिए और तुम्हें वह सब बातें बोलने के लिए मैं तुमसे माफी मांगता हूं तुम मुझे माफ कर दो आज के बाद तुम्हें किसी चीज की कमी होगी तो मैं तुम्हारे लिए हमेशा खड़ा रहूंगा।

मैं वहीं पर रोने लगी। उन्होंने मुझे इज्जत के साथ खाना खिलाया बाद में कॉफी पिलाया और सोने के लिए मुझे यह कमरा खोल दिया मैं रात भर वही आराम से सोए सुबह उठकर में उन्हीं के साथ जब अपने घर आई तो मेरे पापा रोते हुए बोले कि बेटी जो हो गया तुम्हारे साथ हो गया आज के बाद मैं कभी शराब नहीं पियूंगा कभी मैं जुआ नहीं खेलूंगा। मैंने कहा ठीक है पापा आज के बाद तुम मेरा ख्याल रखना आपसे मैं भी तुम्हें ख्याल रखूंगी।

उस दिन के बाद से मेरे पापा ना तो शराब पीते हैं ना जुआ खेलते हैं मेरी ध्यान बहुत अच्छे से रखते हैं और अंकल भी आते जाते रहते हैं। अब हमें किसी तरीके की कोई दिक्कत नहीं है। आशा करती हूं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर यह कहानी आपको पसंद आई होगी।

 ट्रैन लेट है कहकर 12 घंटे गेस्ट हाउस में भैया ने चोदा

ट्रैन लेट है कहकर 12 घंटे गेस्ट हाउस में भैया ने चोदा

मैं जब दिल्ली से घर जा रही थी अपने भइया के साथ तो भैया मुझे तुरंत घर नहीं लेते वह 12 घंटे तक मेरी चुदाई किया पटना के गेस्ट हाउस में यानी एक होटल में। जब घर वाले का फोन आता था कि कहां तक पहुंचा तो वह कह देता था कि ट्रेन लेट है किसलिए 12 घंटे बाद पहुंचेंगे। यही बहाना बनाया था उसने और फिर मुझे पटना स्टेशन पर उतारकर बाय गेस्ट हाउस में लेकर आ रात भर मुझे चोदा और फिर सुबह लोकल पकड़ के अपना घर पहुंच पाए।

दोस्तों यह मेरी सच्ची कहानी है मैं आपको Hindi Hot Sex Stories पर अपने कहानी लिख रही हूं ताकि आपको भी पता चले कि कई बार लोग कहते हैं और करते कुछ और हैं भाई होते हैं पर वह भाई का रिश्ता निभाते नहीं है। मेरा नाम दिव्या है मेरे भाई का नाम अनिल है मेरा भाई मेरे से 2 साल बड़ा है। वह मुझे दिल्ली से लेकर आया था ठोके मुझे परीक्षा देना था मेरा सेंटर पड़ा था एसएससी का। वापसी में ही ऐसा हो गया था कांड कि मुझे वह पटना में उतार लिया सोच लीजिए उसकी वासना ऐसे कैसे भड़क गई थी।

हु आर यू कि एक दिन दिल्ली में रहकर हमने पेपर दिया और दूसरे दिन फिर वहां से ट्रेन थी। एक ही टिकट कंफर्म था और एक वेटिंग लिस्ट में हो गया था। तो हम दोनों एक ही बेड पर यानी कि एक ही बर्थ पर बैठकर और लेट कर आए थे। दिल्ली से जब गाड़ी खुली गाजियाबाद के पार पहुंची। तब तक कुछ भी नहीं हुआ था हम दोनों आराम से बैठे हुए थे साइड का बर्थ था। आपको भी पता है एक बर्थ पर बैठना भी मुश्किल हो जाता है जब आप पैर फैलाएंगे तो सामने वाले को टक्कर लगेगा। और जब एक कोई लड़की और लड़का बैठा हो तो टक्कर बदल जाती है।

एक दो बार उसने सॉरी बोला पर फिर उसके टांग मेरे जांग के पास आकर टच करने लगा। और एक बार जैसे मेरा गलती से उसके तरफ पैर चला गया और मेरी टांग मेरा पैर उसके लंड में जाकर सटा। मैं हैरान रह गयी उसका लंड बहुत टाइट था। दोस्तों उसका मन तो पहले से खराब था उसकी नियत अच्छी नहीं थी पर जैसे ही मैंने उसके लंड को टच किया मेरे नियत भी खराब होने लगी। अब मैं भी अपने पैर को उसके लंड से हटा देती थी। अब वह अपना पैर मेरे दोनों जांघों के बीच में ले आता था और हौले हौले से टच करता था यानी आप समझ गए। वह मेरी चूत के पास अपने लंड को सटा रहा था बार-बार।

मेरे सीट पर जो पर्दा लगा हुआ था भाई ने उसको अच्छे से बंद कर दिया था कि बाहर के लोग जो आता जाता है देख ना पाए। क्योंकि वातानुकूलित से हम लोग जा रहे थे। धीरे धीरे बात आगे बढ़ी और वह अपना सिर मेरे गोद में रखकर लेट गया। धीरे-धीरे वह मेरी चुचियों को टच करने लगा। धीरे धीरे मैं भी उस को सहलाने लगी। फिर हम दोनों कुछ आगे बढ़ गए। उसने अपना हाथ मेरी टॉप और ब्रा के अंदर डाल दिया। और मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे निप्पल को रगड़ने लगा। मेरे बदन में तो आग लग रही थी दोस्तों। मेरी चूत गीली हो रही थी। सिसकारियां लेने लगी।

उसके बाद मैं उसके गोद में लेट गई कंबल ऊपर रख ली। अब मेरा भाई मेरे टॉप को ऊपर कर दिया और बुरा क्यों को नीचे से खोल दिया और मेरी चुचियों को दोनों हाथों से दबाने लगा मसलने लगा। मैं सिसकारियां लेने लगी अंगड़ाइयां लेने लगी। ट्रेन सर पर भागी जा रही थी। तो मुंह से ऐसी कोई आवाज निकल जाए इसका भी डर नहीं था। होले होले आआ आआआ ओह्ह्ह्हह्हह ओह्ह्ह्हह की आवाज तो कर रही थी पर यह आवाज सिर्फ मेरे भाई कोई सुनाई दे रहा था बाहर वाले को सुनाई नहीं दे रहा था।

मेरा भाई मेरे होंठ को छूकर बोला कि तेरे होंठ कितने गुलाबी है। इतने दिनों तक तो मैं तुम्हें अपनी बहन के नाते देख रहा था। पर आज मेरा देखने का नजरिया कुछ और हो गया है इसलिए तुम बिल्कुल सेक्सी और हॉट लग रही हो। यह बात तो सच है दोस्तों के जवाब किसी रिश्ते में होते हैं तो उस रिश्ते की मर्यादा को ध्यान में रखकर ही कोई बात बोलते हैं और देखते हैं। और जब यह मर्यादा टूट जाती है तो देखने का नजरिया बदल जाता है आप उसको अलग निगाह से देखते हैं यह आपको भी पता होगा।

धीरे-धीरे वह मेरे बदन को सहलाने लगा मेरे बाल खोल दे मेरे बाल को उलझा कर सुलझाने लगा। उसके होंठ मेरे होंठ पर जैसे आए दोस्तों हम दोनों ही एक दूसरे को होठ को चूसने लगे चूमने लगे किस करने लगे। वह अपना जीभ निकाला मैं उसके जीभ को चूसने लगी। जब मैंने अपनी जीभ बाहर निकाली वह मेरे जीभ को चूसने लगा। प्यार और वासना दोनों परवान चढ़ने लगा। 2:30 से 3 घंटे तक हम लोग यही करते रहे। पर सामने वाला अंकल शायद भनक लग गई। कि हम दोनों कुछ कर रहे हैं क्योंकि वह बार-बार झांकने की कोशिश करते थे पर बाहर से तो कुछ दिखाई नहीं देता था हम दोनों उन अंकल को देख रहे थे।

वह बार बार टॉयलेट जाने लगे और जब वह वापस आते थे तो झांक कर देखने लगे। मैं समझ गई कि उनको शायद हम दोनों की करतूत के बारे में पता चल गया। फिर हम दोनों शांत हो गए रात ज्यादा हो गया था। अब हम दोनों की वासना तो भड़क चुकी थी। पर करते क्या जालिम जमाना दुश्मन जो बाहर बैठा था वह बार-बार समझने की कोशिश करने लगा कर हम दोनों क्या कर रहे हैं तो ऐसे में कुछ भी करना रिस्क भरा हो सकता था। इसलिए हम दोनों आराम से बैठ गए।

भाई को एक उपाय सूझा उसने बोला यह काम करते हैं रात भर हम दोनों पटना में रुक जाते हैं और घर में बोल देते हैं कि ट्रेन लेट चल रही है। यही हुआ दोस्तों घर से फोन आया उसने कह दिया कि ट्रेन लेट है 12:00 से 15 घंटे लेट हो जाएगा। मेरे मम्मी पापा बहुत सीधे साधे हैं उनको ज्यादा कुछ नहीं पता देश दुनिया से वह टीवी तक नहीं देखते हैं। ज्यादा देर वह खेतों में बिताते हैं तो उनको ज्यादा पता भी नहीं चलता कि देश दुनिया में क्या हो रहा है। उन्होंने बोला कोई बात नहीं है। तुम लोग रात को नहीं होगा तो पटना स्टेशन पर उतर जाना और वहीं रुक जाना स्टेशन पर और सुबह आना आराम से रात में मत आना फिर।

मेरे भैया मुझे होटल में ले गया एक गेस्ट हाउस में। फिर दोस्तों होटल का दरवाजा बंद करते ही उस कमरे का जो हम दोनों एक दूसरे पर टूट पड़े आप को शब्दों में बयां नहीं कर सकते। 2 मिनट में मेरे सारे कपड़े उतार दिए मैंने भी उसके कपड़े तुरंत उतार दिए। वह मेरे बड़ी-बड़ी चूचियां को हाथ में लेकर खेलने लगा मेरे निप्पल को चूसने लगा दबाने लगा दो उंगलियों से रगड़ने लगा। मैं बेड पर लेट गई मुंह पर चढ़ गया पर मेरे दोनों टांगों के बीच में बैठकर मेरे चूत को चाटने लगा दोस्तों मेरे बूर को चाटने लगा। मैं सिसकारियां लेने लगी अंगड़ाइयां देने लगी मेरे अंदर की ज्वाला भड़क गई थी दोस्तों। चूत पानी पानी हो गया था।

वह तुरंत ही अपना जीभ लगा दिया अपना उंगली मेरी चूत में डालने लगा बाहर निकालने लगा मुझे बहुत अच्छा लगने लगा मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ रहा था। वह मेरी चूत में एक उंगली डाला अंदर-बाहर करने लगा दो उंगली डालो फिर अंदर बाहर करने लगा। मैं तुरंत ही उसका लंड पकड़ कर चूसने दे मुझे। उसका लैंड मोटा और लंबा था मैंने अपने मुंह में ले ली। और उसके लंड को चूसने लगी। पर वह मुझे जल्दी से जल्दी चोदना चाहता था। वह तुरंत मेरे दोनों पैरों को अलग-अलग कर बूर के बीच में रखकर जोर से धक्का देकर पूरा लंड मेरी बूर में घुसा दिया।

हम दोनों हिचकोले लेने लगे हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे चूमने लगे सहलाने लगे। मेरा भाई मुझे बोलता था तुम मुझे पति बोल, मैं भी उसको समय पति बोलती थी मेरे पतिदेव खूब चोदो तुम बड़े अच्छे पति हो तो मेरा कितना ख्याल रखते हो। वह भी कहता था कि तू मेरी पत्नी है तू कितनी खूबसूरत है तेरे नैन नक्श कि तेरी चूचियां कितनी बड़ी-बड़ी और टाइट है कितनी सेक्सी हो तुम मेरी जान मेरी बीवी हो तुम मेरी पत्नी हो तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो तुमतने सुंदर हैं तेरी चूत कितने टाइट है। मैं भी उसको कहते थे कि इस बार मैं तेरे लिए तीज का व्रत रखूंगी करवा चौथ का व्रत रखूंगी तू मेरा पति है तू मेरा कितना ख्याल रखता है।

यह सब बोलने के बाद और भी ज्यादा जोश चढ़ता था और हम दोनों एक दूसरे को जम के ऊपर से वह नीचे से मैं गांड को गोल गोल घुमा कर उसके लंड को अपनी बूर में दे रही थी। दोस्तों गजब मजा आ रहा था ऐसा लग रहा था हम दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हैं एक दूसरे की वासना को शांत करने के लिए ही बने हैं। हम दोनों ने एक दूसरे को खुश किया किसी बात के लिए रोका नहीं मेरे भाई को जो जो मन कर रहा था वह करने दे रही थी मैं उसको रोक नहीं रही थी। हम दोनों ने पूरी रात चुदाई की। सुबह जल्दी उठकर फिर से एक बार नहा धोकर हम दोनों खड़े खड़े ही सेक्स किए।

फिर पटना जंक्शन से एक लोकल ट्रेन लेकर हम दोनों अपने गांव के लिए निकल पड़े। ट्रेन लेट है का बहाना बनाकर होटल में जम के मस्तियां की यह यादगार लम्हा शायद कभी ना भूल पाऊंगी मैं। यह मेरी जिंदगी का खास दिन था। आज हम दोनों के रिश्ते अलग ही हो गए हैं दोस्तों। Hindi Hot Sex Sex Stories के पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार और प्यार

आपने Hindi Hot Sex Sex Stories में अभी-अभी हॉट कहानी आनंद लिया लिया आनंद जारी रखने के लिए अगली कहानी पढ़े..

 दोस्त की माँ और बहन को चोदने की इच्छा - 5

दोस्त की माँ और बहन को चोदने की इच्छा - 5

दोस्त की माँ और बहन को चोदने की इच्छा - 4


मैंने दरवाजा बंद किया और उसकी आँखों में देखते हुए सोचने

लगा.. बेटा राहुल.. तवा गर्म है.. सेंक ले रोटी.. पर मुझे इसके

साथ ही एक तरफ यह भी डर था कि कहीं मैंने जो सोचा है..

वो यदि कुछ गलत हुआ.. तो सब हाथ से फिसल जाएगा..

खैर.. अब सब्र से काम ले शायद तेरी इच्छा पूरी हो जाए।

मैं अभी भी उसकी आँखों को ही देखे जा रहा था और वो

मेरी आँखों को देख रही थी।

तभी उसने मेरे मन में चल रही उथल-पुथल को समझते हुए कहा-

राहुल उधर ही खड़ा रहेगा या बैग भी पैक करेगा.. तुझे जाना

नहीं है क्या?

तो मैंने उसके मुँह से अपना नाम सुनते हुए हड़बड़ाते हुए जवाब

दिया- अरे जाना तो है।

तो वो बोली- फिर सोच क्या रहे हो.. बोलो?

फिर मैंने भी उसके मन को टटोलने के लिए व्यंग्य किया- मैं इस

बात से काफी हैरान हूँ.. कि जो लड़की मुझे कुछ देर पहले गन्दा

और बुरा बोल रही थी.. वही मुझे रोकने का प्लान क्यों बना

रही है?

इस बात को सुन कर उसने मुझे अपने पास बुलाया और अपनी

बाँहों में थाम लिया.. और फिर मुझे बिस्तर पर बैठा कर मेरे

बगल में बैठ गई।

उसकी बाँहों में जाते ही मेरी तो लंका लगी हुई थी..

उत्तेजना के साथ-साथ मन में एक अजीब सा डर भी बसा हुआ

था कि क्या ये सही है? लेकिन कहते हैं न कि वासना के आगे

कुछ समझ नहीं आता.. और न ही अच्छा-बुरा दिखाई देता है।

मैंने बोला- रूचि.. तुम तो मुझे अभी कुछ देर पहले भगा रही थीं

और फिर अब अचानक से ऐसा क्या हो गया?

तो उसने मुझे हैरानी में डाल दिया.. जब वो भैया की जगह

मुझसे ‘राहुल’ कहने लगी- देखो.. मैं नहीं चाहती कोई ड्रामा

हो.. इसलिए जब मैं और तुम अकेले होंगे तो मैं तुम्हें सिर्फ और

सिर्फ राहुल.. जान.. या चार्मिंग बॉय.. ही कह कर

बुलाऊँगी.. देखो राहुल मुझे अभी तक नहीं मालूम था कि तुम

मेरे बारे में क्या सोचते थे.. पर मैं जब से तुमसे मिली हूँ.. पता

नहीं क्यों मेरा झुकाव तुम्हारी तरफ बढ़ता ही चला गया और

न जाने कब मुझे प्यार हो गया। तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो और

सच पूछो तो मैं पता नहीं.. कब से तुम्हें दिल ही दिल में चाहने

लगी हूँ। मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ राहुल.. आई लव यू..

ये कहते हुए उसने मेरी छाती को चूम लिया और उसके हाथों की

कसावट मेरी पीठ पर बढ़ने लगी।

लेकिन उसे मैंने थोड़ा और खोलने और तड़पाने के लिए अपने से

दूर किया और उसकी गिरफ्फ्त से खुद को छुड़ाया.. तो वो

तुरंत ही ऐसे बोली.. जैसे किसी चिड़िया के उड़ते वक़्त पर टूट

गए हो और वो नीचे गिर गई हो।

‘क्या हुआ राहुल तुम्हें अच्छा नहीं लगा क्या.. या फिर तुम मुझे

नहीं चाहते.. सिर्फ आकर्षित हो गए थे मुझसे?’

मैंने भी उसके दर्द भरे स्वर को भांपते हुए कहा- नहीं रूचि.. ऐसा

नहीं है.. जब पहली बार तुमको देखा था.. मैं तो उसी दिन से

ही तुम्हें चाहने लगा था.. मेरी सोच तो तुम पर ही ख़त्म हो गई

थी और सोच लिया था.. कैसे भी करके तुम्हें अपना बना लूँगा।

तो वो बोली- फिर मुझे अपने से अलग क्यों किया?

मैंने बोला- आज जब तुमने मुझे बहुत खरी-खोटी सुनाई.. तो मुझे

बहुत बुरा लगा.. मैं अपनी ही नजरों में खुद को नीच समझने

लगा था और मेरा सपना टूटा हुआ सा नज़र आने लगा था। मेरे

मन में कई बुरे ख्याल घर करने लगे थे।

तो वो तुरंत ही बोली- कैसे ख्याल?

मैंने अपनी बात सम्हालते हुए जबाव दिया- तुमने मेरे बारे में

बिना कुछ जाने ही मेरे सम्बन्ध अपनी माँ से जोड़ दिए.. जो

कि मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा।

तो वो बोली- तुमने हरकत ही ऐसी की थी.. तुम मेरी माँ की

चड्डी लिए सोते थे.. तो भला तुम ही बोलो.. मैं क्या

समझती? और जब से तुम हमारे घर आ रहे थे.. मैं तब से ही ध्यान दे

रही थी कि तुम और माँ एक-दूसरे के काफी करीब नज़र आते थे।

इस बात पर मैंने तुरंत ही उसको डाँटते हुए स्वर में कहा- रूचि..

तुम पागल हो क्या? तुम्हारी माँ तो तुम्हारे भाई के जैसे ही

मुझे प्यार देती थी और मैं भी बिल्कुल विनोद के जैसे ही

तुम्हारी माँ का ख्याल रखता था। तुम ऐसा सोच भी कैसे

सकती हो? और रही चड्डी की बात.. तो तुम ही बताओ कि

तुम्हारे और तुम्हारी माँ के शरीर की बनावट में कोई ख़ास

अंतर है क्या?

तो वो थोड़ा सा लजा गई और मुस्कान छोड़ते हुए बोली-

सॉरी राहुल.. अगर तुम्हें मेरी वजह से कोई दुःख हुआ हो तो..

और वैसे भी जब तुमने सच मुझे बताया था.. तो मैं खुद भी अपने

आपको कोस रही थी.. अगेन सॉरी..

अब मैंने भी अपनी लाइन क्लियर देखते हुए बोला- फिर अब

आज के बाद ऐसा कभी नहीं बोलोगी।

वो तपाक से बोली- पर एक शर्त पर..

तो मैंने पूछा- कैसी शर्त?

बोली- मेरी माँ की चड्डी तुम अपने पास नहीं रखोगे।

तो मैं बोला- जब विनोद कमरे में आया था.. मैंने तो उसी वक़्त

उसको यहाँ फेंक कर बाथरूम में चला गया था.. और प्रॉमिस..

आज के बाद ऐसी गलती नहीं होगी.. क्योंकि..

तो वो मेरी बात काटते हुए बोली- क्योंकि क्या?

मैं बोला- क्योंकि अपनी चड्डी तुम खुद ही मुझे दिया

करोगी।

तो वो हँसने लगी और मेरे गालों पर चिकोटी काटते हुए

बोली- बहुत शैतान और चुलबुला है.. ये मेरा आशिक यार..

उसकी इस अदा पर मैं इतना ज्यादा मोहित हो गया कि

उसको शब्दों में पिरो ही नहीं पा रहा हूँ।

फिर वो मेरी ओर प्यार भरी नजरों से देखते हुए बोली- जान..

अब तो मेरी माँ की चड्डी दे दो।

तो मैंने बोला- मेरे पास नहीं है.. यहीं तो फेंककर गया था।

वो बोली- तुमने अभी नीचे कुछ नहीं पहना है क्या?

तो मैंने बोला- नहीं.. पर तुम ऐसे क्यों पूछ रही हो?

वो बोली- फिर क्या तुम ऐसे ही नहाए और ऐसे ही बाहर भी

आ गए?

मैंने उसे थोड़ा और खोलने के लिए शरारत भरे लहज़े में बोला-

थोड़ा खुलकर बोलो न.. क्या ‘ऐसे..ऐसे..’ लगा रखा है।

तो वो बोली- बेटा.. तुम समझ सब रहे हो.. पर अपनी बेशर्मी

दिखा रहे हो.. पर मुझे शर्म आ रही है।

अब मैंने तुरंत ही उसका हाथ पकड़ा और बोला- यहाँ हम दोनों

के सिवा और है ही कौन.. और मुझसे कैसी शर्म?

तो वो बोली- अरे जाने दो..

मैंने उसे आँख मारते हुए बोला- ऐसे कैसे जाने दो..

तो वो मुस्कुराते हुए बोली- मेरे ‘ऐसे-ऐसे’ का मतलब था कि तुम

नंगे-नंगे ही नहा लेते हो.. तुम्हें शर्म नहीं आती?

तो मैंने उससे बोला- खुद से कैसी शर्म..? क्या तुम ‘ऐसे..ऐसे..’

नहीं नहातीं?

वो बोली- न बाबा.. मुझे तो शर्म आती है।

मैंने उसकी जांघों पर हाथ रखते हुए बोला- एक बार आज़मा कर

देखो.. कितना मज़ा आता है।

यह सुनते ही उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया और मैंने उसके

शरीर पर एक अजीब सी फुरकन जैसी हरकत महसूस की..

क्योंकि मेरा हाथ उसकी जाँघों पर था।

फिर वो मेरी बात काटते हुए बोली- देखेंगे कभी करके ऐसे..

लेकिन जो चड्डी तुम ले गए थे.. वो है कहाँ?

तो मैंने भी लोअर की जेब में हाथ डाला और झटके से उसकी

आँखों के सामने लहराने के साथ-साथ बोला- लो कर लो

तसल्ली.. मेरी ही है कि नहीं?

वो एकदम से बोली- अरे मेरे भोले राजा.. अब तो खुद भी तो

देख लो.. या फिर नज़र कमजोर हो चली।

मैंने जैसे ही उसके चेहरे से नज़र हटाई और चड्डी की ओर देखा..

तो वो बोली- क्या है ये?

मैंने शर्मा कर सॉरी बोलते हुए बोला- मैंने ध्यान ही नहीं

दिया यार.. उस समय हड़बड़ाहट में कुछ समझ ही नहीं आया..

खैर.. ये लो.. पर मेरी चड्डी कहाँ है?

तो उसने बोला- तुम्हें मेरी खुश्बू अच्छी लगती है न.. तो मैंने उसे

पहन लिया.. वैसे भी तुम्हारी ‘वी-शेप’ की चड्डी बिल्कुल

मेरी ही जैसी चड्डी की तरह दिखी.. तो मैंने पहन ली..

ताकि मैं तुम्हें अपनी खुश्बू दे सकूँ और उसे अपने पास रखने में तुम्हें

शर्म भी न आए..

ये सुनकर पहले तो मुझे लगा कि ये मज़ाक कर रही है, तो मैंने

बोला- यार मज़ाक बाद मैं. मुझे अभी जल्दी से तैयार होकर घर

के लिए भी निकलना है।

बोली- अरे.. मज़ाक नहीं कर रही मैं.. अभी खुद ही महसूस कर

लेना..

ये कहती हुई वो बाथरूम में चली गई और जब निकली तो उसके

हाथ में मेरी ही चड्डी थी।

पर जब तक मैं उसे पहने हुए देख न लेता.. तो कैसे समझता कि उसने

पहनी ही थी।

फिर वो मेरे पास आकर खड़ी हुई और मेरी चड्डी देते हुए बोली-

लो और अब कभी भी ऐसी खुश्बू की जरुरत हो.. तो मुझे अपनी

ही चड्डी दे दिया करना।

मैंने उसके हाथों से लेते ही उसको देखा तो उसके अगले भाग पर

मुझे उसके चूत का रस महसूस हुआ और मैंने सोचा.. लगता है रूचि

कुछ ज्यादा ही गर्म हो गई थी। इसे क्यों न और गर्म कर दिया

जाए ताकि ये भी अपनी माँ की तरह ‘लण्ड..लण्ड..’

चिल्लाने लगे।

तो मैंने उसकी ओर ही देखते हुए बिना कुछ सोचे-समझे ही उसके

रस को सूंघने और चाटने लगा और अपनी नजरों को उसके चेहरे

पर टिका दीं।

मैंने उसके चेहरे के भावों को पढ़ते हुए महसूस किया कि वो कुछ

ज्यादा ही गर्म होने लगी थी। उसके आँखों में लाल डोरे

साफ़ दिखाई दे रहे थे। उसके होंठ कुछ कंपने से लगे थे.. मुझे ऐसा

लग रहा था जैसे मैं उसकी चूत का रस अपनी चड्डी से नहीं..

बल्कि उसकी चूत से चूस रहा होऊँ।

मैंने उसे ज्यादा न तड़पाने की सोचते हुए अपनी चड्डी से

मुँह को हटा लिया और उसकी ओर मुस्कुराते हुए बोला- वाह

यार.. क्या महक थी इसकी.. इसे मैं हमेशा अपने जीवन में याद

रखूँगा.. आई लव यू रूचि..

तो वो भी मन ही मन में मचल उठी और शायद उसे भी अपने रस

को अपने होंठों पर महसूस करना था.. इसलिए उसने कहा-

अच्छा.. इतनी ही मादक खुश्बू और स्वाद था ये.. तो मुझे

मालूम ही नहीं.. कि मेरी वेजिना किसी को इतना पागल

कर सकती है?

मैं उसके मुँह से ‘वेजिना’ शब्द सुनकर हँसने लगा.. तो वो बोली-

मेरा मज़ाक उड़ा रहे हो न..

मैं बोला- ऐसा नहीं है..

तो उसने भी प्रतिउत्तर मैं कहा- फिर कैसा है?

‘तुम्हें क्या यही मालूम है.. या बन कर बोली थीं..?’

तो वो बोली- क्या?

मैंने फिर से हँसते हुए कहा- वेजिना..

तो वो बोली- उसे यही कहते हैं.. मैं और कुछ नहीं जानती..

मैंने बोला- क्या सच मैं?

तो वो बोली- क्या लिखकर दे दूँ.. पर मुझे तुम बताओ न.. इसे

और क्या कहते हैं?

मैं बोला- फिर तुम्हें भी दोहराना होगा..

तो वो तैयार हो गई.. फिर मैंने उसकी वेजिना को अपनी

गदेली में भरते हुए कामुकता भरे अंदाज में बोला- जान.. इसे

हिंदी में बुर और चूत भी बोलते हैं।

मेरी इस हरकत से वो कुछ मदहोश सी हो गई और उसके मुख से

‘आआ.. आआआह..’ रूपी एक मादक सिसकारी निकल पड़ी।

मैंने उसकी चूत पर से हाथ हटा लिया इससे वो और बेहाल हो

गई.. लेकिन वो ऐसा बिल्कुल नहीं चाहती थी कि मैं उसकी

चूत को छोड़ दूँ.. जो कि उसने मुझे बाद में बताया था।

लेकिन स्त्री-धर्म.. लाज-धर्म पर चलता है.. इसलिए उस समय

वो मुझसे कुछ कह न सकी और मुझसे धीरे से बोली- राहुल..

क्या इतनी अच्छी खुश्बू आती है मेरी चू… से..

ये कहती हुई वो ‘सॉरी’ बोली.. तो मैं तपाक से बोला- मैडम

सेंटेंस पूरा करो.. अभी तुमने बोला कि दोहराओगी और वैसे

भी अब.. जब तुम भी मुझे चाहती हो.. तो अपनी बात खुल कर

कहो।

तो बोली- नहीं.. फिर कभी..

मैं बोला- नहीं.. अभी के अभी बोलो.. नहीं तो मैं आज शाम

को नहीं आऊँगा।

ये मैंने उसे झांसे में लेने को बोला ही था कि उसने तुरंत ही मेरा

हाथ पकड़ा और लटका हुआ सा उदास चेहरा लेकर बोली-

प्लीज़ राहुल.. ऐसा मत करना.. तुम जो कहोगे.. वो मैं करूँगी।

मैंने बोला- प्रॉमिस?

तो वो बोली- गॉड प्रोमिस..

शायद वो वासना के नशे में कुछ ज्यादा ही अंधी हो चली

थी.. क्योंकि उसके चूचे अब मेरी छाती पर रगड़ खा रहे थे और

वो मुझे अपनी बाँहों में जकड़े हुए खड़ी थी। उसके सीने की

धड़कन बता रही थी कि उसे अब क्या चाहिए था।

तो मैंने उसे छेड़ते हुए कहा- तो क्या कहा था.. अब बोल भी

दो?

तो वो बोली- क्या मेरी चूत की सुगंध वाकयी में इतनी

अच्छी है…

तो मैंने बोला- हाँ मेरी जान.. सच में ये बहुत ही अच्छी है।

वो बोली- फिर सूंघते हुए चाट क्यों रहे थे?

तो मैंने बोला- तुम्हारे रस की गंध इतनी मादक थी कि मैं ऐसा

करने पर मज़बूर हो गया था.. उसका स्वाद लेने के लिए..

ये कहते हुए एक बार फिर से अपने होंठों पर जीभ फिराई.. जिसे

रूचि ने बड़े ही ध्यान से देखते हुए बोला- मैं तुमसे कुछ बोलूँ..

करोगे?

तो मैंने सोचा लगता है.. आज ही इसकी बुर चाटने की इच्छा

पूरी हो जाएगी क्या?

ये सोचते हुए मन ही मन मचल उठा।

मैंने उसे ज्यादा न तड़पाने की सोचते हुए अपनी चड्डी से

मुँह को हटा लिया और उसकी ओर मुस्कुराते हुए बोला- वाह

यार.. क्या महक थी इसकी.. इसे मैं हमेशा अपने जीवन में याद

रखूँगा.. आई लव यू रूचि..

तो वो भी मन ही मन में मचल उठी और शायद उसे भी अपने रस

को अपने होंठों पर महसूस करना था.. इसलिए उसने कहा-

अच्छा.. इतनी ही मादक खुश्बू और स्वाद था ये.. तो मुझे

मालूम ही नहीं.. कि मेरी वेजिना किसी को इतना पागल

कर सकती है?

मैं उसके मुँह से ‘वेजिना’ शब्द सुनकर हँसने लगा.. तो वो बोली-

मेरा मज़ाक उड़ा रहे हो न..

मैं बोला- ऐसा नहीं है..

तो उसने भी प्रतिउत्तर मैं कहा- फिर कैसा है?

‘तुम्हें क्या यही मालूम है.. या बन कर बोली थीं..?’

तो वो बोली- क्या?

मैंने फिर से हँसते हुए कहा- वेजिना..

तो वो बोली- उसे यही कहते हैं.. मैं और कुछ नहीं जानती..

मैंने बोला- क्या सच मैं?

तो वो बोली- क्या लिखकर दे दूँ.. पर मुझे तुम बताओ न.. इसे

और क्या कहते हैं?

मैं बोला- फिर तुम्हें भी दोहराना होगा..

तो वो तैयार हो गई.. फिर मैंने उसकी वेजिना को अपनी

गदेली में भरते हुए कामुकता भरे अंदाज में बोला- जान.. इसे

हिंदी में बुर और चूत भी बोलते हैं।

मेरी इस हरकत से वो कुछ मदहोश सी हो गई और उसके मुख से

‘आआ.. आआआह..’ रूपी एक मादक सिसकारी निकल पड़ी।

मैंने उसकी चूत पर से हाथ हटा लिया इससे वो और बेहाल हो

गई.. लेकिन वो ऐसा बिल्कुल नहीं चाहती थी कि मैं उसकी

चूत को छोड़ दूँ.. जो कि उसने मुझे बाद में बताया था।

लेकिन स्त्री-धर्म.. लाज-धर्म पर चलता है.. इसलिए उस समय

वो मुझसे कुछ कह न सकी और मुझसे धीरे से बोली- राहुल..

क्या इतनी अच्छी खुश्बू आती है मेरी चू… से..

ये कहती हुई वो ‘सॉरी’ बोली.. तो मैं तपाक से बोला- मैडम

सेंटेंस पूरा करो.. अभी तुमने बोला कि दोहराओगी और वैसे

भी अब.. जब तुम भी मुझे चाहती हो.. तो अपनी बात खुल कर

कहो।

तो बोली- नहीं.. फिर कभी..

मैं बोला- नहीं.. अभी के अभी बोलो.. नहीं तो मैं आज शाम

को नहीं आऊँगा।

ये मैंने उसे झांसे में लेने को बोला ही था कि उसने तुरंत ही मेरा

हाथ पकड़ा और लटका हुआ सा उदास चेहरा लेकर बोली-

प्लीज़ राहुल.. ऐसा मत करना.. तुम जो कहोगे.. वो मैं करूँगी।

मैंने बोला- प्रॉमिस?

तो वो बोली- गॉड प्रोमिस..

शायद वो वासना के नशे में कुछ ज्यादा ही अंधी हो चली

थी.. क्योंकि उसके चूचे अब मेरी छाती पर रगड़ खा रहे थे और

वो मुझे अपनी बाँहों में जकड़े हुए खड़ी थी। उसके सीने की

धड़कन बता रही थी कि उसे अब क्या चाहिए था।

तो मैंने उसे छेड़ते हुए कहा- तो क्या कहा था.. अब बोल भी

दो?

तो वो बोली- क्या मेरी चूत की सुगंध वाकयी में इतनी

अच्छी है…

तो मैंने बोला- हाँ मेरी जान.. सच में ये बहुत ही अच्छी है।

वो बोली- फिर सूंघते हुए चाट क्यों रहे थे?

तो मैंने बोला- तुम्हारे रस की गंध इतनी मादक थी कि मैं ऐसा

करने पर मज़बूर हो गया था.. उसका स्वाद लेने के लिए..

ये कहते हुए एक बार फिर से अपने होंठों पर जीभ फिराई.. जिसे

रूचि ने बड़े ही ध्यान से देखते हुए बोला- मैं तुमसे कुछ बोलूँ..

करोगे?

तो मैंने सोचा लगता है.. आज ही इसकी बुर चाटने की इच्छा

पूरी हो जाएगी क्या?

ये सोचते हुए मन ही मन मचल उठा।

 दोस्त की माँ और बहन को चोदने की इच्छा - 4

दोस्त की माँ और बहन को चोदने की इच्छा - 4

दोस्त की माँ और बहन को चोदने की इच्छा - 3

मेरे इस तरह करने से उसे बहुत पीड़ा हुई थी और उसका मुँह भी दर्द

से भर गया था, जिसे उसने बाद में बयान किया।

और सच कहूँ तो मुझे भी बाद में अच्छा नहीं लगा.. पर अब तो

सब कुछ हो ही चुका था.. इसलिए पछताने से क्या फायदा..

पर कुछ भी हो ये तरीका था बड़े कमाल का.. आज के पहले मुझे

लौड़ा चुसाई में इतना आनन्द नहीं मिला था।

फिर मैंने पास रखी बोतल उठाई और पानी के कुछ ही घूट गटके

थे कि माया आई और दर्द भरी आवाज़ में बोली- राहुल आज

तूने तो मेरे मुँह का ऐसा हाल कर दिया कि बोलने में भी

दुखता है.. आआआह.. पता नहीं तुम्हें क्या हो गया था.. इसके

पहले तुमने कभी ऐसा नहीं किया.. तुम्हें मेरी हालत देखकर भी

तरस नहीं आया.. बल्कि चांटों को जड़कर मेरे गाल लाल

करके.. दर्द को और बढ़ा दिया।

तो मैंने उससे माफ़ी मांगी और बोला- माया मुझे माफ़ कर दे..

मैं इतना ज्यादा कामभाव में चला गया था कि मुझे खुद का

भी होश न था.. पर अब ऐसा दुबारा नहीं होगा।

मेरी आवाज़ की दर्द भरी कशिश को महसूस करके माया मेरे

सीने से लग गई और बोली- अरे ये क्या.. माफ़ी मांग कर मुझे न

शर्मिंदा करो.. होता है.. कभी-कभी ज्यादा जोश में इंसान

बहक जाता है.. कोई बात नहीं मेरे सोना.. मेरे राजाबाबू..

आई लव यू.. आई लव यू..

यह कहते हुए वो मेरे होंठों को चूसने लगी और अभी मेरे लौड़े में

भी पीड़ा हो रही थी जो कि मेरे जंग में लड़ने की और घायल

होने की दास्तान दर्द के रूप में बयान कर रही थी।

एक अज़ीब सा मीठा दर्द महसूस हो रहा था.. ऐसा लग रहा

था कि अब जैसे इसमें जान ही न बची हो।

फिर मैंने माया को जब ये बताया कि तुम्हारे दाँतों की चुभन

से मेरा सामान बहुत दुःख रहा है.. ऐसा लग रहा है.. जैसे कि

इसमें जान ही न बची हो.. अब मैं कैसे तुम्हारी गांड मार कर

अपनी इच्छा पूरी कर पाउँगा और कल के बाद पता नहीं ये

अवसर कब मिले.. मुझे लगता नहीं कि अब मैं कुछ और कर सकता

हूँ.. ये तो बहुत ही दुःख रहा है।

तो माया ने मेरे लौड़े को हाथ से छुआ जो कि सिकुड़ा हुआ..

किसी सहमे से कछुए की तरह लग रहा था।

माया मुस्कुराई और मुझे छेड़ते हुए बोली- और बनो सुपर हीरो..

अब बन गए न जीरो.. देखा जोश में होश खोने का परिणाम..

और मुझे छेड़ते हुए मेरी मौज लेने लगी.. पर मेरी तो दर्द के मारे

लंका लगी हुई थी.. तो मैंने झुंझला कर उससे बोला- अब उड़ा

लो मेरा मज़ाक.. तुम भी याद रखना.. मुझे इतना दर्द हो रहा

है और साथ-साथ अपनी इच्छा न पूरी हो पाने का कष्ट भी

है.. और तुम हो कि मज़ाक उड़ा रही हो.. वैसे भी कल वो लोग

आ जायेंगे.. तो पता नहीं कब ऐसा मौका मिले… तुमने तो

इतनी तेज़ी से दाँतों को गड़ाया.. जिससे मेरी तो जान

निकल रही है।

मैं बोल कर दर्द से बेहाल चेहरा लिए वहीं बिस्तर पर आँख बंद

करके लेट गया।

मेरे दर्द को माया सीरियसली लेते हुए मेरे पास आई और मेरे

माथे को चूमते हुए मेरे मुरझाए हुए लौड़े पर हाथ फेरते हुए बोली-

तुम इतनी जल्दी क्यों परेशान हो जाते हो?

तो मैंने बोला- तुम्हें खुराफात सूझ रही है और मेरी जान

निकाल रही है।

वो मुस्कुराते हुए प्यार से बोली- राहुल तेरी ये जान है न.. इसमें

जान डालने के लिए.. तुम अब परेशान मत हो.. अभी देखना मैं

कैसे इसे मतवाला बनाकर एक बार फिर से झूमने पर मज़बूर कर

दूंगी।

और मैं कुछ बोल पाता कि उसके पहले ही उसने अपने होंठों से

मेरे होंठ सिल दिए।

हम कुछ देर यूँ ही एक-दूसरे को चूमते रहे..

फिर माया के दिमाग में पता नहीं क्या सूझा वो उठ कर गई

और फ्रिज से बर्फ के टुकड़े ले आई।

यार सच कहूँ तो मेरी समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था कि ये

सब क्या करने वाली है।

फिर उसने मेरे लंड को पकड़ कर उसकी अच्छे से सिकाई की..

यार दर्द तो चला गया पर बर्फ का अधिक प्रयोग हो जाने से

वो सुन्न सा पड़ गया था।

मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरे मतवाले हाथी को किसी ने मार

दिया हो और अन्दर ही अन्दर बहुत डर सा गया था कि अब

क्या होगा.. अगर इसमें तनाव आना ख़त्म हो गया.. तो क्या

होगा?

मेरे चेहरे के चिंता के भावों को पढ़कर माया बोली- अरे राहुल

क्या हुआ.. तुम इतना उलझन में क्यों लग रहे हो?

तो मैंने बोला- मेरा दर्द तो ठीक हो गया.. पर मुझे अब ये डर है

कि इसमें जान भी बची है कि नहीं?

तो माया मुस्कुरा दी और हँसते हुए बोली- तुमने कभी सुना है..

‘अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारना..’ अब तुमने मेरे मुँह में

जबरदस्ती सब कुछ किया.. तो तुम भुगत रहे हो.. पर अब जो मैं

तुम्हारे दर्द को दूर करने के लिए कर रही हूँ.. उससे शायद मैं खुद

ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जा रही हूँ।

मैं उसकी बातों को सुनकर आश्चर्य में पड़ गया कि आखिर

माया के कहने का मतलब क्या है.. सब कुछ मेरी समझ के बाहर

था।

तो मैंने उससे बोला- साफ़-साफ़ बोलो.. कहना क्या चाहती

हो?

बोली- अरे जान.. तुम्हें नहीं मालूम.. अगर बर्फ से सिकाई अच्छे

से की जाए.. जब तक की लण्ड की गर्मी न शांत हो जाए और

उसके बाद जो सेक्स करने का समय होता है.. वो बढ़ जाता है

और अब तुम परेशान न हो.. परेशान तो मुझे होना चाहिए कि

पता नहीं आज मेरा क्या होने वाला है.. और अब मुझे पता है

कि इसमें कैसे तनाव आएगा.. पर मेरी एक शर्त है।

तो मैं बोला- क्या?

तो बोली- पहले बोलो कि मान जाओगे..

मैंने भी बोला- ठीक है.. मान जाऊँगा।

तो माया बोली- एक तो आज तक पीछे छेद में मैंने किसी के

साथ सेक्स नहीं किया है.. तो तुम फिर से मेरे मुँह की तरह वहाँ

जबरदस्ती कुछ नहीं करोगे और पहले मेरी चूत की खुजली

मिटाओगे.. तुम्हें नहीं मालूम ये साली छिनाल.. बहुत देर से

कुलबुला रही है..

तो मेरे दिमाग में भी एक हरकत सूझी कि बस एक बार किसी

तरह माया मेरा ‘सामान’ खड़ा कर दे.. तो इसको भी बर्फ का

मज़ा चखाता हूँ।

मैंने उससे बोला- ठीक है.. मुझे मंजूर है..

तो वो बर्फ ट्रे लेकर जाने लगी और बोली- अभी आई।

तो मैंने बोला- अरे ये ट्रे मुझे दे दो.. तब तक मैं इससे अपनी

सिकाई करता हूँ।

वो मुझे ट्रे देकर चली गई।

अब आखिर उसे कैसे पता चलता कि उसके साथ अब क्या होने

वाला है।

फिर कुछ ही देर में वो मक्खन का डिब्बा लेकर आ गई और

बोली- जानू.. अब तैयार हो जाओ.. देखो मैं कैसे अपने

राजाबाबू को अपने इशारे पर ठुमके लगवाती हूँ।

तो मैंने हल्की सी मुस्कान देकर अपनी सहमति जता दी।

अब बारी उसकी थी तो उसने अपने गाउन की डोरी खोली

और उसे अपने बदन से लटका रहने दिया और फिर वो एक हलकी

पट्टीनुमा चड्डी को दिखाते हुए ही मेरे पास आ गई और मेरे

सीने से चिपक कर गर्मी देने लगी और मेरे होंठों को चूसते हुए मेरे

बदन पर हाथों को फेरने लगी..

जिससे मेरे बदन में प्रेम की लहर दौड़ने लगी।

उसकी इस क्रिया में मैंने सहयोग देते हुए और कस कर अपनी

बाँहों में कस लिया.. फिर उसके होंठों को चूसना प्रारम्भ कर

दिया।

देखते ही देखते हम लोग आनन्द के सागर में डुबकी लगाने लगे और

फिर माया ने अचानक से अपना हाथ मेरे लौड़े पर रखकर देखा..

जो कि अभी भी वैसा ही था।

तो वो अपने होंठों को मेरे होंठों से हटा कर बोली- लगता है

इसको स्पेशल ट्रीटमेंट देना होगा।

मैं बोला- कुछ भी कर यार.. पर जल्दी कर।

तो माया उठी और मुझे पलंग के कोने पर बैठने को बोला.. तो

मैं जल्दी से उठा और बैठ गया।

मेरे इस उतावलेपन को देखकर माया हँसते हुए बोली- अरे राहुल..

अब होश में रहना.. नहीं तो यूँ ही रात निकल जाएगी.. फिर

बाद में कुछ भी न कहना।

 सेक्सी सोती हुई बहन की चुदाई 

सेक्सी सोती हुई बहन की चुदाई

मेरी हसीन सुंदर सेक्सी बहन गर्म बिस्तर पर सो रही थी और उसे देखकर मेरा लंड खड़ा था। उसे पता भी नहीं चल रहा था और मैं अपना लंड उसकी मोटी रसीली जांघों के बीच में रगड़ रहा था। और अचानक से लंड बहन की चूत में चला गया, आगे क्या हुआ इसका पता आपको पूरी कहानी पढ़कर लगेगा।😉

इस Bhai Behan Sex Story की अंतर्वासना कहानी को पूरा पढ़ें और पता करें कि कैसे एक भाई ने अपनी सोती हुई बहन की चुदाई करि। कहानी बहुत ही सेक्सी, रोमांटिक, और अश्लील है तो प्लीज इसे पूरा पढ़े।

मेरा नाम अंश राजा है और जिस तरह हर लड़के को किसी ना किसी के साथ सेक्स करने का  मन करता है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आपका जिसके साथ सेक्स करने का मन करें वह सामने वाला चाय आपका रिश्तेदार हो या कोई और इंसान हो और अंग्रेजी भाषा में इसे हम “क्रश” कहते हैं।

और कुछ ऐसा ही हुआ मेरे साथ मेरा फर्ज था मेरी बड़ी बहन सुनीता राजा के ऊपर। हां पता है सुनने में थोड़ा अजीब सा लग रहा होगा लेकिन कामवासना रिश्तेदारी नहीं देखती है बस आ जाती है।

मुझे मेरी बड़ी बहन बहुत ही ज्यादा पसंद थी वह जो इतनी ज्यादा सुंदर थी उसके ऊपर से वह सेक्सी भी थी और साथ में वह बहुत ही ज्यादा ख्याल रखने वाली भी थी।

हर लड़का ऐसी ही लड़की की कल्पना करता है और ऐसी ही लड़की उसकी सपनों की रानी होती है लेकिन सौभाग्य से ऐसी लड़की मेरी ही बहन थी।🤤😊💕🥰

मैं अक्सर इंस्टाग्राम पर उसकी हॉट फोटोस देख कर मुठ मारता था और Indian Sex Stories पढ़कर और चुदाई देखकर अपनी ठरक मिटाता था।

लेकिन मुझे पता था इन सब से कुछ होने वाला नहीं है और मुझे कुछ ऐसा जुगाड़ देखना पड़ेगा कि मैं अपनी बहन की चुदाई करता हूं और उसे पता भी ना चले।

मजे की बात यह थी कि मेरी बहन स्पोर्ट्स में खेलते थी और वह वॉलीबॉल के कैप्टन थी तो वह दिनभर इतना थक जाती थी कि रात को अगर वह एक बार हो जाए।

तो उसको उठाना बहुत ही मुश्किल था भले भूकंप आज आया घर में आग लग जाएंगे उठ सकती है वहीं ज्यादा गहरी नींद में सोती थी।

मुझे यह बात पता थी और मैंने इस बात का फायदा उठाने की सूची तो एक रात हिम्मत करके मैं उसके कमरे में गया।

ब्लैक पिंक कलर की नकल और सफेद रंग की बनियान पहन कर सो रही थी 🤤😛 उसमें अंदर से कुछ भी नहीं पहना था जो कि साफ साफ दिखाई दे रहा था।

उसके नरम नरम पड़े बूब्स के निप्पल टीशर्ट से बाहर आते हुए दिख रहे थे और उसकी पूरी हुई जवान हॉट चूत कच्ची के ऊपर उभरी हुई थी।

यह देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरे लंड से पानी टपकने लग जाए लेकिन मेरी हिम्मत नहीं है तू से हाथ लगाओ तो मैं दूर से ही उसको देखकर मुट्ठ मारने लगा।

और बस कुछ ही देर में मेरा झड़ गया, लेकिन उसको अपनी आंखों के सामने देख कर और मुठ मारने का मुझे संतुष्टि मिली।💕

लेकिन इतनी भी नहीं मिली जो मुझे चाहिए थी। क्योंकि मैं अपनी Soti Hui Behan Ki Chudai करना चाहता हूं उसके साथ कामवासना करना चाहता हूं!!!

अगले दिन फिर,

मैं उसके कमरे में पहुंच गया और वह बहुत ही ज्यादा गहरी नींद में सो रही थी आज मैं पूरी हिम्मत करके आया था और धीरे से मैंने उसकी जांग को हाथ लगाया।

पहले तो उसने थोड़ी सी अंगड़ाई ली और आ अम्म म हु हम्म हम्म करा!!!

लेकिन करवट लेकर वह दोबारा सो गए मेरी तो गांड फट गई थी मुझे पल को लगा कि वह उठ गई है।

लेकिन वह दोबारा सो गए तो मैं धीरे से उसके पास गया और उसके बड़े बड़े बूब्स को हाथ लगाने की कोशिश करी।🤗

मेरा हाथ बहुत जोर से कांप रहा था और उसका काम ना बंद तब हुआ जब मेरे हाथ उसके बूब्स के ऊपर पहुंच गए सच बताओ इतनी नरम चीज मैंने आज तक नहीं झुई थी।

उसके बूब्स इतने ज्यादा नरम है कि क्या ही बताओ😍🥰

बूब्स को मेँ धीरे धीरे से दबा रहा था ऐसा लग रहा था कि मैं बहुत ही नरम ताजा भाव या डबल रोटी अपने हाथों से दबा रहा हूं।

फिर मैंने धीरे धीरे अपना हाथ उसकी चूत के ऊपर फेरना चालू कर दिया। मेरी बहन की चूत बहुत ही ज्यादा नरम की और मेरी उंगलियां लगाने से वह धीरे धीरे गीली होने लग गई।

मेरी प्यारी बहन – आ आ अम्म अम्म हम्म हम्म हम्म

उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी और मैं उसके बूब्स को भी दबा रहा था, फिर मैंने हिम्मत कर के उसके होठों को चूमा और उसके गालो को चुम्मा।

उसके रसीले होठों का स्वाद बहुत ही मीठा था।😘

फिर मैंने उसकी कच्ची आज ही नीचे गई और अपने लंड को उसकी जांघों के बीच में रगड़ने लगा। उसकी चांदी भी इतनी ज्यादा नरम थी कि बहुत मजा आ रहा था यह जैसे मुठ मारता था मैं उससे तो बहुत ही अलग लग रहा था और चाही पर तो कितना ज्यादा मजा आ रहा है।

मैं उसकी जांघों में अपना लंड का करने में इतना खो गया कि!😋😍🥴

मुझे पता नहीं चला (अचानक से मैं लंड उसकी चूत में आधा घुस गया।)😬

बहन – हम्म अम्म आम आम हम्म हम्म आ आ आ अहह हम्म हम्म

मेरी गांड फट गई मेरा दिल बहुत जोर जोर से धड़क रहा था ऐसा लग रहा था कि सीने से बाहर निकल आएगा लेकिन ऊपर वाले का शुक्र है उसकी नींद तब भी नहीं खोली।😏🤗

मैंने सोचा आप गलती हो ही गई है तो कर लिया जाए और मैंने अपनी सोती हुई बहन की चुदाई करना चालू कर दिया और में अंतरवासना की आग में मज़े लेने लगा।

मैं बहुत ही धीरे-धीरे और आहिस्ता से अपने लंड को अपनी बहन की चूत में आगे पीछे कर रहा था और कामुकता का पूरा मजा उठा रहा है। क्योंकि उसकी चूत थोड़ी सी गीली हो गई थी तो मेरा लंड आराम से अंदर बहुत हो रहा था लेकिन मैंने पूरा लड़ नहीं घुस आया क्योंकि से उठ जाते।

और मैं आधा लंड घुसा के अंदर बाहर कर रहा था मैं उसके बूब्स को मिले तब आ रहा था मैं उस इस कामुकता को पूरी तरह से महसूस कर रहा था।

बहुत ज्यादा ही संतुष्टि महसूस हो रही थी और मुझे चरम सुख की प्राप्ति हो रही थी कुछ ही देर में मेरा झड़ने वाला था।😘

मेरी बहन इतनी ज्यादा सेक्सी थी कि मुझसे और रुका नहीं जा रहा था। मैं थोड़ा और अपने लंड को उसकी चूत में रगड़ना चाहता था तो मैं थोड़ा और करने लगा।

ऐसा लग रहा था कि मोबाइल रहा है मेरी बहन की सेक्सी चूत मुझे इतना ज्यादा काम वासना का मजा दे रही थी कि मैं कामुकता कि आग में जल रहा था।

बहन – आ आ आ अहह अहह अम्म हम्म हम्म हु हु हु आ आ मम मम मम

बस अब मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था और मैं फटने वाला था। मुझसे बिल्कुल भी अब रहा नहीं जा रहा था और मेरा पास झड़ने ही वाला था जैसे ही मेरा जाने वाला था मैडम का लंड बाहर निकाला और अपनी बहन के मुंह के ऊपर  झाड़ दिया।

मैं बहुत ही ज्यादा थक गया और मुझे अंदर से बहुत ही ज्यादा खुशी मिल रही थी और फिर मेरा सपना पूरा हो गया।🤗🤗🙂

फिर मैंने रुमाल से अपनी बहन का मुंह पोस्ट किया उसकी कच्ची दोबारा ऊपर करके उसको पहना दी और बिस्तर सही कर कर चुपचाप अपने बिस्तर में सोने के लिए चला गया।

तो क्या मैंने ऐसा दोबारा करने की कोशिश करी??

हां! मैंने यह दोबारा क्या तिबारा चौबारा भी करा मैंने यह अपनी सोती हुई बहन की चुदाई कई रातों तक करी। और मजे की बात है उसको पता भी नहीं चला।

लेकिन अब मैं कुछ नहीं कर सकता क्योंकि अब कुछ समय बाद उसकी शादी होने वाली है और वह इस घर को छोड़कर चली जाए क्या किसी दूसरे का बिस्तर गरम करेगी।

मुझे दोष मादरचोद से बहुत ही जलन होती है जो इससे शादी करेगा क्योंकि मैं अपनी बहन से प्यार करता था… था क्या?!! मै आज भी करता हूं..!!!!!🥰

लेकिन किस्मत के आगे किसकी चली है तो मैं कुछ नहीं कर सकता मैंने अपने आप को समझा लिया मैंने अपने दिल को समझा लिया और मेरी है Romantic Sex Story यहीं पर खत्म होती है।

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