हरामी बेटे ने पूरी रात चूत मारी
मेरा नाम पद्मा है. मेरे पति का नाम सुभाष जोशी और बेटे का नाम राहुल और बेटी का नाम चिंकी है. आज में आपको अपने जीवन की सच्ची घटना बताने जा रही हू. दोस्तो आज तक ये बात मेने किसी से भी शेर नही करी और कर भी नही सकती थी क्योंकि हुमारा समाज का कुच्छ ढाँचा ही अलग है.लेकिन आप तो जानते है की औरत अगर कोई बात को अपने सीने मे ही दबाए रखे तो घुट जाती है इसलिए मे इश्स के माध्यम से आपको अपना एक्सपीरियेन्स शेर कर रही हू.
जिससे मेरी आत्मा को काफ़ी शॅंटी मिली. मुझे नही पता की मेरे साथ जो हुआ शायद वो दुनिया मे किसी के साथ ना हो. में देहरादून मे रहती हूँ. मेरी आगे इस समय 42य्र्स है. मेरे हज़्बेंड बॅंक मे मॅनेजर थे.करीब 10य्र पहले उनकी डेत ब्लड कॅन्सर से हो गयी. अब उनकी जगह मे बॅंक मे जॉब करती हू. जिस समय मेरे पति की डेत हुई उस समय मेरे दो बच्चे थे पहला बेटा **य्र और दूसरी मेरी बेटी जो मात्रा **य्र की थी.
पति की मौत के बाद तो मे बहुत टूट चुकी थी. पति की मौत के बाद मेरे मा बाप मुझे दूसरी शादी के लिए फोर्स कर रहे थे. लेकिन बच्चों के फ्यूचर के लिए मेने अपना ध्यान शादी पर नही दिया. धीरे धीरे समय बीतता गया. मेने भी अपने औरत के जमीर को मार दिया. मेने सजना सवरना छ्चोड़ दिया. आख़िर औरत सजे भी किस के लिए. मात्रा 32य्र की आगे मे मेरे ऊपर काफ़ी ज़िम्मेदारी आ गई.
जब मेरा बेटा 9त स्टॅंडर्ड मे था तो वो काफ़ी बिगड़ चक्का था जिसका कारण पिता का ना होना था. वैसे अधिकतर बच्चे पिता के ना होने पर बिगड़ ही जाते है. ये बात मेने तब नोटीस की जब में उसके कपड़े ढोने के लिए निकले. तो उसकी जेब मे कॉंडम मिले. में तो काफ़ी हैरान हो गई की मात्रा ** य्र की आगे मे इसे कॉंडम की क्या ज़रूरत पढ़ गई. फिर मेने देखा की उसके उंदर्वेरे मे भी वाइट-वाइट लगा है. में साँझ गई थी की अब वो जवान होने लग गया है.
बाद मे मेने उसकी आल्मिरा भी चेक की तो देखा की वाहा उसने असलील मागसिनेस और ब्लू फिल्म की सीडी चुपाई हुई थी. मुझे मेरे बेटे की चिंता सताने लग गई. जाहिर सी बात है कोई भी मा को अगर असी सिचुयेशन फेस करनी पढ़े तो उसे टेन्षन तो बहुत होगा. लेकिन दोस्तो मे ये बात किसी को कह भी नही सकती ना अपने बेटे से सीधा बात कर सकती थी. उस समय मुझे अपने पति की कमी काफ़ी खाल रही थी की काश वो होते तो ये सिचुयेशन उनसे ही हॅंडल करवाती.
दोस्तो लेकिन मेने अपने बेटे से कुच्छ नही किया.धीरे-धीरे समय बीतता गया और मेरा बेटा और बिगड़ता चला गया. मेरा बेटा अब मुझे भी अजीब नज़रो से घूरता है. दोस्तो मे तोड़ा अपने बारे ने बताती हू मे एक साधारण फॅमिली से बिलॉंग करती हू लेकिन में काफ़ी खूबसूरत और भरे बदन की मालकिन हू. मेरे चूतड़ 42” इंच क मेरी छूनचिया 40द की और मेरी कमर 32” इंच की है.
इस से आप मेरे फिगर को इमॅजिन कर सकते है. इसीलिए मेरी शादी बॅंक मॅनेजर के साथ बगैर किसी दहेज के हुई. ये तो सारी औरतें जानती है की मर्द तो हेवी चूतड़ और छूनचियो के तो दीवाने होते है. मेने कई बार गौर काइया वो मेरी छूनचियों और चूतड़ को घूर रहा है. मुझे मान ही मान काफ़ी गुस्सा आया क्योंकि सब औरतें चाहती है की मर्द उनपर अट्रॅक्ट हो लेकिन कोई औरत ये नही चाहती की उसका बेटा उसे बुरी नज़रो से देखे.
समय बीतता गया और उसकी आदतें और भी खराब होती गई. यहा तक की वो शराब भी पीने लग गया. एक दिन वो शराब पीकर घर आया तो मेने उसे खूब दांता. लेकिन वो तो उल्टा मुझसे ही ज़ुबान चलाने लग गया. में अपने बêते की वजह से काफ़ी परेशान हो गई.
अब में उस दिन की घटना बताने जेया रही हू. उस समय में 37 य्र की मेरा बेटा 18य्र का और मेरी बेटी *य्र की थी. मेरे घर से मेरे बड़े भाई साब आए हुए थे.
वाहा कन्या पूजा थी तो उन्होने बेटी को साथ ले जाने के लिए बोला. तो मेने हामी भर दी. वैसे भी मेरी बेटी को ननिहाल मे अच्छा लगता. मेरी बेटी चींकी भी खुश हो गई. मेरे भाई साब मेरी बेटी को लेकर चले गये मेरा बेटा भी कॉलेज चला गया.
शाम को जब मेरा बेटा घर आया तो उसने शराब पी हुई थी. में उसे डाँटने लगी उसको भी गुस्सा आ गया.
मेरा बेटा(गुस्से से):चुप साली रांड़ बहुत बोलती है साली कुटिया हमेशा उपदेश ही देती है
में :बेटा अपनी मा के साथ ऐसी बात करते है
बेटा(गुस्से से): अगर बात नही सुनना चाहती है तो मेरे रास्ते मे टाँग मत अड़ाया कर.
उसके बाद वो अपने कमरे मे चला गया. कुच्छ देर बाद में उसके रूम मे ही खाना ले गयी. क्योंकि मा का दिल तो आप जानते ही है. मेने खाना टेबल पर रखा और उसे उठाने के लिए जैसे ही झुकी तो मेरी सॅडी का पल्लू नीचे गिर गया. उठते ही उसकी नज़र मेरी गुडांज़ छूनचियों पर पढ़ी.
मेरी छूनचियो को देखकर उसकी आँखो मे चमक आ गई. तभी उसने मेरा हाथ खीच कर मुझे बिस्तर पर पटक दिया. मेरे तो होश ही उध गये. में उसे छ्छूटने के लिए च्चटपटाने लग गई. में (सकपकते हुए): ये क्या कर रहा है बेटा छ्चोड़ दे मुझे में तेरी मा हूँ.
मेरा बेटा: मा हुई तो क्या हुआ आज तो तुझे छोड़ के ही रहूँगा. साली बहुत दीनो से तेरे नाम की मूठ मार रहा हू. कब से इस दिन का इंतेजर कर रहा था.
में(रोते हुए):प्लीज़ बेटा ये ग़लत बात है तू मेरा बेटा है मेने तुझे जन्म दिया है.
मेरा बेटा(पूरी मस्ती मे):आज में जहाँ से पैदा हुआ हूँ वही अपना लंड भी डालूँगा.
वो मेरी छूनचियों को बुरी तरह मसल रहा था और में बेबसी के आँसू रो रही थी. बदनामी के दर से मे चिल्ला भी नही सकती थी. अब वो मेरे होंठो को चूस रहा था और दोनो हाथो से छूनचियों को बेरहमी से मसल रहा था.
उसके मूह से शराब की स्मेल भी मुझे मदहोश कर रही थी. में लगातार उसे छ्छूटने का प्रयास कर रही थी. लेकिन वो काफ़ी हटता कटता नौजवान और कहा में एक कमसिन औरत उसके सामने मेरी क्या चलती. उसने ने मेरी सॅडी और ब्लाउस को खोलना चाहा. में उसका विरोध करने लगी. लेकिन वो तो सेक्स मे पूरी तरह से अँधा हो चुका था. उसने मेरी सॅडी को एक झटके मे ही उतार दिया.
उसने ब्लाउस को भी फाड़ दिया और मेरी ब्रा को भी उतार दिया जससे मेरी छूनचिया बाहर आ गई. छूनचियो को देखकर वो पागलो की तरह उन्हे चूसने लगा. उसने मुझे बेड पर लिटाया और एक हाथ से पेटीकोआट को ऊपर कर दिया जिससे मेरी पंटी सॉफ दिखने लग गई.मेरा शर्म से बुरा हाल हो रहा था और मेरा बेशर्म बेटा लगातार मेरे बदन से खेल रहा था.उसका हाथ मेरी पनटी के अंदर गया और मेरी छूट को सहलाने लगा.उसकी उंगली मेरी छूट मे अंदर तक जाने लगी.
कुच्छ देर बाद वो उठा और मेरा पेटिकोट और पनटी दोनो खोल दिए अब उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया. मुझे काफ़ी शर्म आ रही थी. फिर उसने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए. मेरी नज़र उसके लंड पर पड़ी तो में तो हैरान हो गई इतना विकराल लंड ये तो मेरे पति से भी दोगुना और मोटा था. उसका लंड नाग की तरह फन फैलाए हुए था.
उसने मुझे गोद मे उठाया और बेड पर लिटा दिया. अब में भी साँझ चुकी थी की आज ये मुझे छोड़े बगैर नही छ्चोड़ेगा. वो मेरे ऊपर चाड गया और ज़ोर ज़ोर से मेरी छूनचियो का दबाने लग गया. फिर उसने मेरे बदन को ऊपर से नीचे तक चूमने चाटने लगा. और में लगातार अपनी बेबसी के आँसू बहा रही थी.
मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन में कर भी क्या सकती थी. उसने मेरे होंठो को चूसना स्टार्ट किया और दोनो हाथो से छूनचियो को मसालने लगा. फिर उसने मुझे खड़ा कर दिया और पीछे से आकर मेरी छूनचियो को मसालने लगा. वो अपना लंड मेरी गंद की दरार मे डाल रहा था. फिर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी दोनो टांगे फैलाकर अपने कंधे मे रख दी.
फिर उसने अपना मूह मेरी छूट से भिड़ा दिया और मेरी छूट मे जीभ डालकर चूसने लगा. करीब 15 मिनिट तक उसने छूट को चूस-चूस कर लाल कर दिया. अब उसने मुझे उल्टा लिटा दिया और मेरी जिससे मेरी गंद ऊपर हो गई मेरी गंद देखकर तो वो पागल कुत्ते की भाँति उसपर झपट पढ़ा. वो मेरी गंद को पागलो की तरह चूमने चाटने लगा. वो अपने हाथो से भी मेरी गंद को मसल रहा था.
उसने मेरी गंद के बीच अपना मूह डाला हुआ था. मेरी गंद के च्छेद को च्छेद को जीभ दल दल कर छत रहा था. फिर उसने मेरे पेट के नीचे तकिया लगा दिया. जिससे मेरी छूट का च्छेद ऊपर हो गया.फिर उसने अपना लंड छूट की च्छेद से सताया और एक झटके मे ही अपना लंड पूरा दल दिया. में ज़ोर से चिल्ला पड़ी क्योंकि काफ़ी साल से मेरी छूट मे कोई लंड नही गया ऊपर से उसका लंड भी काफ़ी बड़ा था. उसने तेज झटके देने चालू कर दिए और में दर्द से करहती रही.
ख़ासकर महिलाए तो जानती होंगी की काफ़ी टाइम दुबारा छुड़वाने मे काफ़ी दर्द होता है और में तो काफ़ी साल बार छुड़वा रही हू.
में(दर्द से कराहते हुए): प्लीज़ बेटा छ्चोड़ दे बहुत दर्द हो रहा है.
लेकिन उसने मेरी एक ना सुनी और वो और तेज़ी से मुझे छोड़ने लगा. दर्द से मेरे आँसू बहने लग गये.
में( गुस्से से): अरे हरामी कुत्ते छ्चोड़ दे क्या मेरी जान लेगा.
मेरा बेटा(बेशर्मी से मुस्कराते हुए): हरामी तो में हू ही आज से मदारचोड़ भी हो गया हू मेरी पद्मा रानी.
उसकी बेशर्मी की बाते सुनकर मुझे उससे नफ़रत होने लगी और मुझे हैरानी भी हुई की इतनी कम उमरा मे आज कल के बच्चो को इतनी हिम्मत कैसे आ गई.
काफ़ी देर बाद वैसे ही छोड़ने के बाद उसने मुझे सीधा लिटा दिया और और मेरे ऊपर से आ गया फिर उसने अपना लंड निकाला और मेरी छूट मे दल दिया. उसने मेरी तूफ़ानी अंदाज मे चुदाई शुरू कर दी. चुदाई करते टाइम वो दोनो हाथो से मेरी छूनचियो को भी मसल रहा था और मेरे होंठो को भी चूस रहा था.
में: आआआआः ऊीीईईईईईई बस कर बेटा बहुत दर्द हो रहा है.
मेरा बेटा: बस पद्मा डार्लिंग कुच्छ ही देर मे दर्द कम हो जाएगा.
में उसकी बेशर्मी से भर बात सुनकर हैरान हू की वो मुझे पद्मा डार्लिंग कह कर पुकार रहा है. जैसे मे उसकी रखैल हूँगी.
फिर उसने मुझे घोड़ी बना दिया और अपना लंड मेरी छूट मे डालकर छोड़ने लगा.वो तेज़ी से झटके लगा रहा था. उसका लंड इतना बड़ा था की मेरी बच्चेड़नी से टकरा रहा था.जिसे मुझे काफ़ी दर्द हो रहा था.
इस पोज़िशन मे चुदाई मे मुझे बहुत दिक्कत हो रही थी. उसके झटके काफ़ी तेज होते जेया रहे थे वो अपने हाथो से मेरी गंद को भी मसालते हुए जेया रहा था.वो मुझे ऐसे छोड़ रहा था जैसे कोई औरत को जिंदगी मे फ्ली बार देख रहा हो.
में (चूड़ते हुए):आआआ ऊओीईईई ऊऊओउुउउ बेटा ज़रा धीरे धीरे कर.
लेकिन उसको मेरी बातो का कुच्छ असर नही हो रहा था वो तो उसी रॅफटर से मुझे छोड़ रहा था.
कुच्छ देर उसी पोज़िशन मे छोड़ने के बाद उसने मुझे हवा मे गोद मे उठा कर छोड़ने लगा.
जिससे मेरी छूट नीचे से चिर गई. मेरा वेट 68 क्ग होने के बावजूद वो मुझे हवा मे उठाकर छोड़ने लग गया.क्योंकि मेरा बेटा काफ़ी हटता कटता मेस्कुलेर में है.करीब 5मिनिट तक वो मुझे इसी पोज़िशन मे छोड़ता गया. मेरी तो हालत बहुत खराब हो गई.फिर उसने मुझे नीचे बेड पर सीधा लिटा दिया.और मेरे ऊपर चाड गया उसने अपने लंड को मेरी छूट मे डालकर अपने होतो से मेरे होंठो को चूसने लग गया.
उसके दोनो हाथ मेरी छूनचियों को मसल रहे थे. अब तो उसने इतनी तेज झटके देने चालू कर दिए जिससे पूरा बेड हिलने लगा.वो मुझे छोड़ते जर आहा था और मेरे मूह से चीखे निकल रही थी.आख़िर मे इसी आसान में मुझे आधे घंटे तक छोड़ने के बाद उसने अपना गरम वीर्य मेरी छूट मे दल दिया. फिर तो सारी रत भर उसने मुझे कई आसनो मे छोड़ा. सुबह तक उसने मुझे पुर 6 बार छोड़ा.
दोस्तो रात भर मेरे हरामी बêते ने मेरी छूट का कचूमर निकल दिया. में उसके सामने जिंदा लाश की तरह पढ़ी हुई थी और वो मेरे बदन को रत भर नोचता रहा. उसने रात भर मुझे ऐसे बेरहमी से छोड़ा ऐसा तो कोई रंडियों को भी नही छोड़ता होगा. सुबह तो मेरा बुरा हाल था मुझसे ढंग से चला भी नही जेया रहा था. मुझे पेशाब मे भी जलन हो रही थी. उस दिन मेने बॅंक से च्छुतटी ले ली.
में काफ़ी तक चुकी थी.और सोने चली गई .मेरा बेटा पहले ही सो चक्का था. मेरी नींद दोपहर 2:00 बजे खुली तो में कल रत को हुई घटना को याद करके रोने लग गयी. फिर उस रात भी उसने मुझे छोड़ा. अब यह सिलसिला रोज का हो गया था. मेने अपने बêते से बात करना बंद कर दी.वो ज़बरदस्ती मुझसे बोलता था.अब तो उसे जब भी मौका मिलता है तो वो मेरी छूट की चुदाई कर देता था.
धीरे-2 एक महीना बीट गया और अब में कुच्छ नॉर्मल हो गई थी अब जब मेरा बेटा मुझे छोड़ता है तो मुझे भी मज़ा आने लग गया आख़िर में भी जवान और सेक्सी औरत हू. अब तो वो चुदाई के वक़्त मुझसे पूचछता रहता है की मा मज़ा आ रहा है की नही. मेरे बêते ने मेरी सोई वासना को जगा दिया. अब तो में भी उसके साथ खुल के बात करने लग गई.क्योंकि जो होना था हो गया.
क्योंकि चुदाई मे जितना खुलोगे उतना मज़ा आएगा. अब तो उसने मुझसे रिक्वेस्ट करी की मा मे तुम्हे सेक्सी ड्रेसस मे देखना चाहता हू. मेने तुरंत हा बोल दिया. मेरी हनिमून की काफ़ी सेक्सी ड्रेसस आल्मिरा मे पढ़ी थी. अब रात को में रोज नयी ड्रेसस पहन कर बêते के रूम मे जाती हू.
कभी में मिनी स्कर्ट और टॉप पहनकर तो कभी कभी जीन्स टॉप पहनकर तो कभी ट्रॅन्स्परेंट शॉर्ट निघट्य पहनकर और कभी तो में लेस वाली ब्रा पनटी पहनकर अपने बêते के पास चली जाती हूँ. बêते के रूम पर जाने से पहले में ऊपर से लेकर नीचे तक खूब मेक उप करके जाती हूँ.
फिर हम दोनो मा बेटे चुदाई का कार्यक्रम चलते है. मेरा बेटा मुझ पर काफ़ी फिदा हो गया था. कहाँ वो मुझसे पहले सीधे मूह बात भी नही करता था.
आख़िर में चीज़ ही ऐसी हू.मेरा फिगर देखकर तो बूढ़ों का भी लंड खड़ा हो जाए. धीरे-2 हम मा बेटे काफ़ी ओपन हो चुके थे. फिर जैसा की हम औरतो की आदत होती है की अपने बारे मे जानने की तो मेने अपने बेटे से पूछा बेटा एक बात तो बता.
में :बेटा तेरी नियत मुझ पर कब से खराब थी
चूँकि मेरा बेटा काफ़ी बेशर्म था इसी लिए वो खुल के बोल पढ़ा.
मेरा बेटा: मा मेरा तो लंड खड़ा होना ही तुझे देखकर हुआ.
में: बेटा एक बात बता की तुझे मुझमे क्या अच्छा लगता है.
मेरा बेटा: वैसे तो मा तू तो मुझे ऊपर से लेकर नीचे तक मस्त लगती है. लेकिन मा तेरे उभरे हुए चूतड़ बहुत अच्छे लगते है जी करता है जिंदगी भर इन चुतदो को चूमता चाटता राहू.और तेरी गोल गोल रसीली छूनचिया भी मस्त है.
में :बेटा एक बार तेरी जेब से मुझे कॉंडम का पॅकेट भी मिला क्या तुउउउ
मेरा बेटा: मा वो तो में रंडियो को छोड़ता था इसीलिए अपने पास रखता था
में : बेटा अब से रंडियो के पास कभी मत जाना उनसे तरह-तरह की बीमारियो का ख़त्र रहता है. क्योंकि अब से में ही तुम्हारी रुंडी हू.
मेरे ऐसा कहते ही मेरे बêते ने मुझे अपनी गोद मे बिता लिया और मेरी छूनचियो को दबाने लगा.
मेरा बेटा: हा मा अब तो सिर्फ़ तुम ही मेरी रुंडी हो. सच काहू तो आज तक में कई रुंडियो को छोड़ चक्का हू. लेकिन जो मज़ा तुम्हे छोड़ने मे आता है उतना किसी मे नही. अब तो में सारी रुंडीयों को भूल चुका हू.
में: बेटा एक बात बता तूने मुझे छोड़ने का प्लान कब बनाया?
मेरा बेटा: अरे मा में तो तुझे काब्से छोड़ने के फिराक मे था लेकिन मुझे मौका तब मिला जब मामा जी चिंकी को अपने घर ले गये.तब मेने उसी टाइम सोच लिया की आज तो तुम्हे छोड़ के ही रहूँगा.
में: नॉटी बॉय वैसे भी तू बचपन से ही जिद्दी है जिस चीज़ की तन लेता है वो तो करता ही है.बेटा एक बात बता मेने तेरी आल्मिरा मे ब्लू फिल्म की सीडी रखी हुई देखी. क्या मुझे नही दिखाएगा.
मेरा बेटा: ज़रूर मा अब हम दोनो साटमिलकर ब्फ देखेंगे
धीरे धीरे समय बीतता गया.मेरे बेटे की फरमाइशे भी बढ़ती जेया रही थी मुझसे अपने बाल सेट करवाने को कहता उसके कहने पर में ब्यूटी पार्लर भी जाने लग गई. लेकिन अब तो हद हो गई वो मुझसे डॅन्स भी करवाता था.
उसके पास डॅन्स की काफ़ी गंदी सीडीज़ थी.वो मेरे लिए काफ़ी सेक्सी ड्रेस भी लाया. में नीचे से हाइ हील बल्ले के संडले मिनी स्कर्ट जिसमे मेरी पूरी गंद भी नही धक पति थी और टॉप भी इतना बारीक की छ्होंछिया उसमे ना समा पाए और पनटी ऐसी की गंद की दरार मे ही फस जाए.चुदाई करने से पहले मुझे अपने बêते के सामने आधे घंटे तक सेडक्टिव डॅन्स दिखना पढ़ता है और डॅन्स भी ऐसा जिसमे मुझे झुक कर बêते की तरफ को गंद हिला हिला कर नाचना पढ़ता है कभी अपने बूब्स को उच्छाल-उच्छाल कर.
फिर एक-एक कर के अपने सारे कपड़े उतारने पढ़ते है. सच पूच्हिए तो आज कल के मर्दों के शौक देखकर डंग हू. लेकिन क्या कारू बêते की बात माननी पढ़ती ही है. वैसे भी सदियो से औरतो की चलती भी कहा है. स्टार्टिंग मे तो मुझे भी ये सब काफ़ी अजीब सा लग रह था शर्म भी खूब आती थी. लेकिन कुच्छ टाइम बाद में भी इस चीज़ को एंजाय करने लग गई.
दोस्तो ख़ासकर माताओ और बहनो ये तो आप भी जान सकती है की उस समय मर्द की क्या फ़ितरत होगी ये माताय बहने अच्छी तरह जानती है आधे घंटे बाद मेरा बेटा मुझे ऐसे टूट पढ़ता है जैसे भूखा कुत्ता माँस पर टूट पढ़ता है.उसके बाद तो वो मेरी इस बेरहमी से चुदाई करता है जैसे उसको कभी छूट मिली ही ना हो.वो सारे बदन के पोर पोर दुखा देता है लेकिन मुझे अपने बêते की यह चुदाई का स्टाइल बहुत पसंद है.में अपने बêते से छुड़वा कर काफ़ी खुश हू.
मेरा बेटा मुझे रग़ाद कर छोड़ता है जिससे मेरी छूट की खुजली शांत हो जाती है. और मे रोज रत को बêते क रूम मे जाती थी और सुबह अपने रूम मे आ जाती थी.मेरे साथ मेरी बेटी मेरे रूम मे सोती है. लेकिन मेरे साथ कुच्छ समस्याभी है क्योंकि धीरे-2 चिंकी भी बढ़ी हो रही है. एक बार रात को मे मेक उप कर रही थी तो उसने मुझसे पूच लिया की मा कहा जाने के लिए तैयार हो रही हो.
एक बार रात को उसकी नींद खुल गई तो बिस्तर पर मुझे ना पाकर चिल्लाने लगी. तो मुझे भाग कर रूम मे आना पढ़ा फिर मेने उसे प्यार से समझाया की बेटा में तो बातरूम करने गई थी.लेकिन आख़िर कब तक में उस से झूट बोलती रहूंगी. और एक बार किचन मे मेरा बेटा पीछे से छूनचियो को ब्लाउस के ऊपर से दबा रहा था. तो अचानक पीच्चे से चिंकी भी आ गई वो तो अच्छा हुआ की हुमारी पीठ उसकी तरफ थी.
और हम झटके से अलग हो गये. मेने अपने बêते को कितनी बार समझे है की जब चिंकी घर मे होती है तो मुझे च्छेदा मत कर. लेकिन वो मानता ही नही है जब भी वो मुझे देखता कभी मेरी छूनचिया दबाता तो कभी सॅडी उठाकर मेरी छूट में ऊँगली करता . कभी तो में किचन मे खाना बनती हू तो वो पीच्चे सॅडी उठाकर मेरी गंद चाटने लगता है फिर अपनी जीभ से मेरे गंद के च्छेद को छत छत कर चूसने लगता है.
मुझे ये सब अचाचा तो लगता है लेकिन घर मे बेटी के होने की वजह से काफ़ी दर लगता है. में सोचती हू की ये तो बच्ची है अगर इसने बाहर वालो से कुच्छ भी उल्टा सीधा कह दिया तो गजब हो जाएगा. कभी-कभी तो जब में नहाने जाती हू तो वो भी मेरे साथ बातरूम मे घुस जाता है.
अब मेरी आगे 42य्र की हो गई और मेरी बेटी भी **य्र की हो गई.पिच्छाले 5 साल से मेरा बेटा मुझे छोड़ रहा है में भी अब पूरी तरह से बेटे की मासूक़ा कह लीजिए या फिर बेटे की महबूबा कह लीजिए या फिर अपने बêते की रुंडी कह लीजिए, बन गई थी. इन कुच्छ सालो मे कई बार मेरा गर्भ भी ठहर गया था लेकिन में मेडिसिन लेकर बच्चे को गिरा देती थी.
मेरे बेटे ने मेरी काम भावना को काफ़ी भड़का दिया मुझे यकीन है की वो दुनिया की किसी भी औरत को छोड़ छोड़ कर खुश कर सकता है. सच काहु तो मुझे हर रोज लंड चाहिए अब तो जिस दिन भी मुझे लंड नही मिलता मुझे तो नींद ही नही आती. ये मुझे तब पता चला जब मेरा बेटा 2 दिन के लिए काम के सिलसिले मे बाहर गया हुआ था.
तो मुझे नींद ही नही आ पाई. मेरा बस चले तो में दुनिया भर के सारे लुंडो से अपनी छूट को छुड़ा छुड़ा कर भोसड़ा बनवा लू. मेने अपनी सारी दास्तान ऊपर बता दी है. मेरी ऐसी परिस्थिति का ज़िम्मेदार कौन है में क्या थी और क्या बन चुकी हू. भगवान करे ऐसी परिस्थिति किसी भी औरत के सामने ना आए.


